प्रेम, प्यार, इश्क़, मोहब्बत… क्या मतलब हैं इन शब्दों के? कोई मतलब भी है, या कोई मतलब नहीं.


एक ऐसा एहसास, जिसका हर इंसान के लिए अलग मतलब है, यही है प्रेम. सबसे मज़ेदार बात ये कब, कहां, कैसे मिल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता, कुछ मालूम नहीं. 

पर जो भी हो, प्रेम कहानियां हर किसी को अपनी ओर खींचती है. प्रेम में विश्वास हो या न हो ये कहानियां ख़ुशी ही देती है. कहानियां के समंदर Humans of Bombay ने एक प्रेम कहानी साझा की है, जो आपको अंदर तक ख़ुशी से भर देगी.  

हम दोनों की शादी 30 साल पहले हुई थी. वो नौकरी करते और मैं घर संभालती. सब अच्छा चल रहा था- पर एक दिन, जब वो घर आए तो काफ़ी थके लग रहे थे. वो हमेशा परेशान रहते थे और उठकर दफ़्तर जाने की ज़हमत नहीं उठाते थे. वहां लोग उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे, उन पर काफ़ी दबाव था और ये वो नहीं सह पाए. वो ख़ुश नहीं थे और मैं उनकी मदद करना चाहती थी- पर मुझे लगता था कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे मैं उनकी मदद कर पाऊं.


एक दिन मुझे एक क्लास के बारे में पता चला, जिसमें लोगों को केक बनाना सिखाया जाता था. मैंने क्लास जॉइन कर ली और सीखने में दिल-दिमाग़ सब लगा दिया. मैंने सोचा सीखकर मैं केक बेचूंगी और अपने पति का लोड कम करूंगी. मेरी मेहनत रंग लाई. हर सुबह जल्दी उठकर मैं केक बनाती और उन्हें बेचने के लिए घंटों खड़ी रहती. पहले कुछ महीने बिक्री काफ़ी कम हुई पर धीरे-धीरे लोग मुझे पहचानने लगे और मुझे रेगुलर कस्टमर भी मिलने लगे.

Humans of Bombay

तब जाकर मैं अपने पति के पास गई और कहा कि उन्हें काम करने की ज़रूरत नहीं है. मैं जो भी कमा रही थी वो काफ़ी था. उन्होंने नौकरी छोड़ दी. घर मैं बैठने के बजाए. उन्होंने मेरी मदद की. अब ये बिज़नेस हम दोनों मिलकर चलाते हैं. हमने अपने तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा और ज़िन्दगी दी.


सबसे ज़रूरी है कि हम जो करें उसमें हमें ख़ुशी मिले. हमें बेकिंग, पैकिंग, सेलिंग, यहां तक कि एक मेहनत भरे दिन के बाद घर लौटने पर भी ख़ुशी मिलती है. हम पार्टनर्स हैं- टेबल पर खाना रखने से लेकर एक-दूसरे की ख़ुशी का ध्यान रखने तक.’   

ये लव स्टोरी पढ़कर रिडर्स की प्रतिक्रिया- 

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