भारत में कई अंधविश्वास ‘प्रचलित’ हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी अंधविश्वास ने भारतीयों के मन में इतनी जगह बना ली है कि क्या कहें.
कई बार ख़बरें छपती हैं कि देश के किसी जगह पर किसी महिला को डायन क़रार दिया गया और मार दिया गया. देश में कई भूत झाड़ने वाले मंदिर भी हैं. हम ये नहीं कह रहे हैं कि बुरी या नकारात्मक शक्तियां नहीं होती. लेकिन ये डर काफ़ी हावी है. जिस कारण से कई महिलाओं को प्रताड़ित होना पड़ता है.
Humans of Bombay ने इस बार एक ऐसे शख़्स की कहानी साझा की है जो लोगों को अंधविश्वासों पर विजय पाने के लिए प्रेरित करता है.
’17 साल की उम्र में मैं अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गया था और हम सब एक मंदिर में गए थे. मुझे इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि वहां जाकर मैं ज़िन्दगी भर के लिए एक डर के साथ जीने वाला हूं. मुझे इल्म भी नहीं था कि वो डर मुझे दुनिया में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा. मंदिर में संध्या आरती होने वाली थी, तभी अचानक सभी लोग इधर-उधर भागने लगे.
मैंने देखा कि कुछ पंडित मिलकर एक महिला को बालों से पकड़कर खींचकर जहां पूजा हो रही थी, उस तरफ़ ले जा रहे थे. मेरे आस-पास के लोग बातें करने लगे कि उस औरत पर बुरा साया है और ये पंडित उसे भगाने वाले हैं. उस घटना को देखकर मैं चौंक गया. मुझे ये समझ आ रहा था कि जो हो रहा है, ग़लत हो रहा है और इस तरह के अंधविश्वास का ख़ात्मा ज़रूरी है.
उस घटना के बाद में Paranormal के बारे में पढ़ने लगा. स्वाध्याय के दौरान मुझे ये पता चला कि Paranormal सिर्फ़ भूत, प्रेत, पिशाच वगैरह वगैरह के बारे में नहीं है. ये इससे कही ज़्यादा है… किसी के भी मन में बाक़ायदा डर बैठाया जाता है क्योंकि अक़सर हम बिना सुबूत के भी किसी भी बात पर विश्वास कर लेते हैं.
जैसे-जैसे मेरा ज्ञान बढ़ा लोग मदद के लिए मेरे पास आने लगे. मुझे एक बार एक गांव में बुलाया गया था क्योंकि वहां एक 16 साल की लड़की ने अपने बाल खोल लिए थे और अपना शरीर नोच रही थी. इमाम ने घोषणा कर दी थी कि लड़की पर जिन्न का साया है.
किसी ने एक बार भी नहीं सोचा कि वो लड़की किस परेशानी से गुज़र रही या किसी ने भी डॉक्टर से मदद लेने की नहीं सोची. उसे पेड़ से लटका दिया गया था और बुरी तरह मारा गया था. मैं नज़दीकी पुलिस थाने गया, पर वहां भी शिकायत दर्ज नहीं की गई. कारण? सिस्टम भी ऐसे अंधविश्वासों से अछूता नहीं है. ऐसे कई अन्य केस भी हुए हैं. अगर कोई महिला अलग-थलग कपड़े पहनने लगे या उसका व्यवहार बदल जाए तो ‘उस पर साया है’ घोषित कर दिया जाता है. वहीं अगर कोई पुरुष कुछ अप्राकृतिक करता है तो उसे जादूगर कहा जाता है.
मेरे आधे Cases आम अधंविश्वास के ही होते हैं. एक बार मुझे एक महिला ने फ़ोन किया. उसे लग रहा था कि उसके घर में कोई शक्ति है क्योंकि उसे लग रहा था कि कोई शक्ति है जिसकी वजह से वो हिल नहीं पा रही. मैंने वो केस 30 मिनट में सुलझा दिया था. एसी का कम्प्रेसर फट गया था और गैस की वजह से वो भ्रमित हो रही थी. इंसानों का विश्वास कमाल का होता है पर उसके आधार पर कभी भी दूसरे की ज़िन्दगी का फ़ैसला नहीं करना चाहिए. मैं ये नहीं कह रहा कि दुनिया में बुरी शक्तियां नहीं हैं लेकिन कभी-कभी हमें ये ग़ौर करना चाहिए कि हमारा अंधविश्वास ही हमें बुरा बनाता है!’
पता है परेशानी क्या है? हमारा सवाल न करना. अगर अपने आस-पास कुछ ग़लत होते देखें, तो सवाल करिए. हर कोई एक बात पर विश्वास कर रहा है तो इससे वो सही साबित नहीं हो जाती.