हर व्यक्ति को अपनी ज़िन्दगी की पहली घड़ी, पहला फ़ोन, पहली साईकिल या फिर पहली कार बेहद प्यारी होती है और वो इन चीज़ों को हमेशा संभाल कर रखना चाहता है. लेकिन एक समय ऐसा आता है जब ये चीज़ें पुरानी हो जाती हैं और उनकी जगह नई चेज़ को लाना ही पड़ता है. क्योंकि हर चीज़ की अपनी एक सेल्फ़ लाइफ होती है और उसके बाद वो खराब हो जाती है और उसको फिर केवल एक याद के रूप में रखा जा सकता है. और पुरानी चीज़ों को घर में रखना जगह हो घेरना होता है, शायद इसीलिए लोग नई चीज़ों को लाने के बाद पुरानी चीज़ों को हटा देते हैं. लेकिन उन्हीं पुरानी चीज़ों से कई यादें जुड़ी होती हैं. लेकिन विदेशों में पुरानी चीज़ों को रिस्टोर कराने का एक अनोखा ट्रेंड चलता है.
ऐसे ही एक भारतीय व्यक्ति हैं, जिनको अपनी पुरानी चीज़ों से बहुत लगाव है. इसलिए उन्होंने अपनी पुरानी मारुती 800 कबाड़ में बेचने के बजाय नये रूप में ढाल दिया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/02/589312e1f89ec17377f114c3_a3c40d43-db31-4f0b-9667-6cb1c94b5c60.jpg)
ये हैं दिल्ली के एक बिज़नेसमेन जगजीत सिंह, जो कई सालों से ऑटोमोबाइल का व्यापार चला रहे हैं. अपनी मारुती 800 कार से प्यार के चलते इन्होंने उसको एक नई स्पोर्ट्स कार में बदल दिया और अब वो उस पर ही सवार होकर हर जगह जाते हैं. जब उनकी कार सड़क पर भागती है तो लोगों की निगाहें खुद-ब-खुद उस पर चली जाती हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/02/589312e1f89ec17377f114c3_5aab3a2a-d8f4-4c34-a7a8-65078838f96c.jpg)
आपकी बता दें कि जगजीत सिंह ने दिव्यांगों के लिए करीब 170 गाड़ियों को अलग रूप दिया है. जगजीत हमेशा से खुद की एक स्पोर्ट्स कार में घूमना चाहते थे और अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने एक अलग ही समाधान निकाल लिया. उन्होंने अपनी एक पुरानी मारुती 800 कार को मोडिफाई करके एक स्पोर्ट्स कार बना ली.
जगजीत बताते हैं कि पुरानी कार को स्पोर्ट्स कार का रूप देने में उनके काफी पैसे खर्च हो गए. और अब वो इसे एक प्रोजेक्ट के रूप में आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिसके लिए उनको कुछ इन्वेस्टर्स की आवश्यकता है और वो इन्वेस्टर्स को ढूंढ रहे हैं. गौरतलब है कि इस चार को बनाने में उनको 3 साल लगे. इसके साथ ही वो बताते हैं कि लोग मेरी इस चार को काफी पसंद कर रहे हैं और इसे खरीदना भी चाहते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/02/589312e1f89ec17377f114c3_26b955e7-2e47-4b8b-ac31-3c85ad070e38.jpg)
जगजीत कहते हैं कि इस तरह की गाड़ी के उत्पादन के लिए सरकार से मान्यता लेनी होगी और बड़े स्तर पर गाड़ियां बनाने के लिए उन्हें फंड की भी आवश्यकता पड़ेगी. पर सरकार से इसकी मंजूरी लेने में काफी पैसा खर्च होगा और अगर सारा पैसा मंज़ूरी लेने में ही लगा दिया तो स्टूडेंट्स को सस्ती स्पोर्ट्स कार उपलब्ध करवाने का उनका सपना अधूरा ही रह जाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि जगजीत को ऐसी स्पोर्ट्स कार बनाने में जिन भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है उनका समाधान जल्दी ही हो जाए.
आपको बता दें कि जगजीत अपनी इस गाड़ी को सड़कों पर शान के साथ दौड़ाते हैं, यहां देखिये इनका एक वीडियो: