Global Hunger Index के 119 देशों की सूची में भारत 100वें नंबर पर है. विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र में हर दिन लाखों लोग भूखे पेट सोते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर 4 में से 1 बच्चा कुपोषित हैं.
सरकारी अस्पताल के गलियारो में पड़े सैंकड़ों लोग किसी को भी भारत की हक़ीक़त से रूबरू करवा देंगे. अस्पताल में मरीज़ों की खाने की व्यवस्था तो हो जाती, पर उनके परिवारवाले कई बार भूखे या बस पानी पीकर सोते हैं. दिहाड़ी मज़दूरों को अपनी मज़दूरी छोड़ अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ें, तो वो खायेगा क्या और कमायेगा क्या? कई लोग भूख मारकर सोने को मजबूर होते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले एक दशक से वी. वेंकटरमन लोगों को अपने एएमवी होमली मेस में कम दर पर अच्छा भोजन देते हैं.
10 साल पहले एक महिला मेरे मेस में अपने और अपने पति के लिए खाना लेने आई. उसका पति पास के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती था. उसे इडली ख़रीदनी थी. मैं 10 रुपए की 6 इडली देता था पर उस दिन इडली ख़त्म हो गई थी तो मैंने उसे डोसा लेने कहा.
-वी.वेंकटरमन
उस महिला ने डोसा ख़रीदने से मना कर दिया क्योंकि वो 10 की तीन मिल रही थी और वो उसके परिवार के लिए काफ़ी नहीं होता. उसके चेहरे के हावभाव को पढ़कर वेंकटरमन ने उसे 10 के 6 डोसे दे दिए.
वेंकट ने मुफ़्त में खाना देने के बजाए 1 रुपए लेने की इसलिए सोची क्योंकि वो चाहते थे कि लोग खाने का सम्मान करें.