कश्मीर के लेथपोरा में शुक्रवार को सीआरपीएफ़ ने 1 साल पहले पुलवामा हमले में शहीद हुई जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस श्रद्धांजलि सभा में एक ख़ास शख़्स भी मौजूद थे… उमेश गोपीनाथ जाधव
बेंगलुरु के उमेश ने 2019 का ज़्यादतर वक़्त ट्रैवलिंग में बिताया. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पेशे से गायक जाधव, अजमेर में एक कॉनसर्ट के बाद बेंगलुरु स्थित अपने घर लौट रहे थे, तारीख़ थी 14 फरवरी. जयपुर एयरपोर्ट पर टीवी स्क्रीन्स पर उन्होंने सीआरपीएफ़ क़ाफ़िले पर हमले की ख़बर देखी.
जाधव ने 61 हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय किया और एक-एक शहीद जवान के घर गए. जाधव इस सफ़र को ‘तीर्थ यात्रा’ कहते हैं.
हर जवान के घर की मिट्टी इकट्ठा करने में मैं पूरा 2019 लगा दिया. ये सब इस कलश में है.
-उमेश गोपीनाथ जाधव
कश्मीर जाते हुए, दिल्ली में जाधव ने Times of India को बताया कि ये यात्रा ही उनके लिए सब कुछ है.
लेथपोरा में हुए श्रद्धांजलि समारोह में जाधव ने कहा,
‘मुझे फ़क्र है कि मैं पुलवामा शहीदों के परिवार से मिला और उनका आशीर्वाद लिया. माता-पिता ने बेटे खोए, पत्नी ने पति, बच्चों ने पिता खोया, दोस्तों ने दोस्त खोया. मैंने उनके घरों से और अंतिम संस्कार के स्थान से मिट्टी इकट्ठा की है.’
जाधव ने ये भी बताया कि पुलवामा घटना ने उन पर इतना गहरा प्रभाव डाला कि वो कई रात नहीं सो पाए और तब उन्होंने शहीदों के परिवार से मिलने का निश्चय किया. जाधव अकेले ही 9 अप्रैल, 2019 को अपनी गाड़ी लेकर निकल पड़े और 16 राज्यों में 40 शहीदों के परिवार से मिले.
जाधव की ये यात्रा आसान नहीं थे. शहीदों के घर का पता लगाने में उन्हें काफ़ी मेहनत लगी क्योंकि कुछ शहीदों का घर दूर-दराज़ के इलाकों में था. कई बार जाधव अपनी गाड़ी में ही सोए क्योंकि वो होटल का ख़र्चा नहीं उठा सकते थे.
जाधव ने पुलवामा शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है.