अख़बारों के मैट्रीमोनियल एड तो आपने देखे ही होंगे. जैसे कि ये:
या फिर ये:
जाति के हिसाब से अलग-अलग कॉलम में भी आते हैं मैट्रीमोनियल एड. ‘वधू’ चाहिए वाले सारे विज्ञापनों में एक बात कॉमन रहती है:
‘गोरी, लंबी, 25-26 की उम्र की कामकाजी लड़की चाहिए. जो खाना बनाना और घर संभालना जानती हो.’
वहीं ‘वर’ चाहिए वाले सारे विज्ञापनों में जो कॉमन बात रहती है, वो ये है:
‘उच्च शिक्षित, अच्छी पगार. किसी भी नशे की लत से मुक्त वर चाहिए.’
पर जोड़ियां अख़बार थोड़ी न बनाते हैं.
इसी सब के दर्मियां एक मैट्रिमोनियल एड आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है.
‘ युवा उद्योगपति को वधू की तलाश है
मैसूर के एक कुंवारे उद्योगपति जिसका अपना एक्सपोर्ट का बिज़नेस है, जिसके पास ऋग और अथर्व वेद का ज्ञान है, योद्धा जाति (क्षत्रिय). अभी 8 Figure में कमाई कर रहा है. उम्र, 37 को तलाश है 26 से कम उम्र की वधू की. वो Non-Smoker, Non-Feminist हो, अच्छा खाना बनाती हो. उसकी कभी शादी न हुई हो और न ही उसका कोई बच्चा हो. जाति, मत, धर्म और राष्ट्रीयता की कोई सीमा नहीं है. दहेद भी नहीं चाहिए.
इस ई-मेल आईडी पर संपर्क करे-
cnotrootswapxor@protonmail.com’
ई-मेल आई डी पर एक महिला ने ये मेल कर दिया:
पढ़ने पर पता चलता है कि इस मेल पर न कोई अपशब्द थे और न ही कोई गालियां. ये सिर्फ़ उस व्यक्ति की सोच पर चोट करने के लिए भेजा गया.
इस मेल के जवाब में एड देने वाले शख़्स ने ये जवाब भेजा-
इस शख़्स ने जवाब में रेप करने, गोली मारने की धमकी और गंदी-गंदी गालियां दी.
आपको बता दें कि ये मैट्रिमोनियल एड ‘The Hindu’ के 9 सितंबर, 2018 के अंक में छापा गया था. इस एड पर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी है:
Yeah this is Mysore, people are just like any other Indian city..An uncle will also demand for a young wife.
— lemonleaf (@oceanandI7) September 11, 2018
Itna tees markhan hai then why seeking a bride through ad & that to at the age of 37! Matlab rassi jal rahi hai par bal nahi ja raha🤣
— N (@_morphiine_) September 10, 2018
Also wants as young chick as possible – under 26👿👿👿
— Seeker_niks (@Seeker_niks) September 10, 2018
Also the creepy piece of shit wants to be married to someone at least 11 years younger than him. Classic frustrated middle aged man, trying to get arranged marriage to do what would never happen otherwise, his ‘eight figure’ earnings notwithstanding.
— Shaantanu Singh (@singh_shaantanu) September 11, 2018
इस पूरी घटना में उंगली अख़बारों की तरफ़ ही जा रही है. The Hindu एक नामी अख़बार है और वहां लोगों से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई? जहां दुनियाभर में महिलाएं अपने मौलिक अधिकारों के लिए लड़ रही हैं वहां एक जाने-माने अख़बार का इस तरह का विज्ञापन छापना ठीक नहीं है.
कुछ महीनों पहले HT Classifieds ने ये विज्ञापन छाप दिया था:
गुरुग्राम के इस शख़्स का दावा है कि ये समलैंगिकता का इलाज कर सकता है. एक बड़े अख़बार का इस तरह का विज्ञापन छापना निंदनीय है.