बेहतर होती अर्थव्यवस्था के दावों के बीच देश में लोगों का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जो आज भी हर रात भूखा सोता है. दिल्ली जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे से छोटे शहरों में आपका सामना ऐसे गरीब लोगों से हुआ ही होगा. अकसर आपको भीड़भाड़ की जगह में खाने के लिए पैसे मांगते लोग मिल भी जाते होंगे.

हममें से ज़्यादातर लोग इन लोगों को देखकर सिर्फ़ बेबसी और सहानुभूति ही प्रकट कर पाते हैं लेकिन एक एनजीओ ने एक कदम आगे बढ़ इन लोगों की मदद करने का फ़ैसला किया है.

उदय फ़ाउंडेशन अस्पताल के बाहर बैठे सैकड़ों ज़रूरतमंदो को खाना खिला रहा है. इसके लिए ये लोगों से अख़बारों की रद्दी दान में लेते हैं.

ये NGO हफ़्ते में दो बार दिल्ली के एम्स और सफ़दरजंग अस्पताल के बाहर भूख़े मरीज़ों और उनके रिश्तेदारों को खाना बांटता है. ये लोग अख़बारों को अखबार निर्माताओं को बेचकर उनसे मिले पैसे से ये अभियान चलाते हैं. बुधवार और शुक्रवार में दोपहर 11 बजे से 1.30 बजे तक इस फ़ाउंडेशन के लोग इन अस्पतालों के बाहर खाना देते नज़र आ जाएंगे.

इन अस्पतालों में ज़्यादातर मरीज बाहर से आते हैं. कभी पैसे बचाने के लिए, तो कभी लंबी लाइनों के कारण, इन्हें अस्पताल परिसर में ही ठहरना पड़ जाता है. ऐसे में एक प्लेट खाना भी बड़ी राहत की बात होती है.

इस खाने की एक प्लेट पर फ़ाउंडेशन का 15 रुपए खर्च होता है. यानि हमारी दी हुई लगभग डेढ़ किलो रद्दी से किसी एक ज़रूरतमंद का पेट भर सकता है. तो अगर आप भी रद्दी बेचने के लिए कबाड़ी वाले का इंतज़ार कर रहे हैं, तो इसकी जगह आप उदय फ़ाउंडेशन को संपर्क कर सकते हैं. इनका ऑफ़िस दक्षिणी दिल्ली में है, जिसका पता, 113A/1, अधचिनी, श्री अॉरबिन्दो मार्ग है. आप इनकी मदद Ketto.org नामक वेबसाइट पर दान देकर भी कर सकते हैं. दान करने के अलावा आप इनके साथ जुड़कर वॉलंटियर भी बन सकते हैं.

एक अनोखी सोच किस तरह से सैंकड़ों लोगों के लिए राहत साबित हो सकती है, इसका उदाहरण है उदय फाउंडेशन.