फ़िलीपींस के Cebu में रहने वाले जूनी, इलुस्ट्रिसिमो की हक़ीक़त जान हर कोई हैरान रह जायेगा. 31 वर्षीय जूनी पिछले 13 सालों से नहाया नहीं है. हो गए न हैरान… सिकुड़ गया न मुंह, याद आयी न डियोड्रेंड की.

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दरअसल, जूनी की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इस दौरान उसके पैरों को लकड़ी की खाट से बांध दिया गया है. वो पिछले 5 सालों से अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पाया है. जूनी की आंटी उनकी देखभाल करती हैं, भोजन और पानी उसे बिस्तर पर ही दे दिया जाता है.

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फ़िलीपींस के एक स्थानीय टेलीविज़न शो के दौरान बताया गया कि, जूनी इलुस्ट्रिसिमो जब मात्र 4 साल का था, उसकी मां चल बसी. इसके बाद पिता उसे दादा-दादी के पास छोड़ गए. जूनी ने छोटी उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया. जब वो बड़ा हुआ तो मछुआरे के तौर पर सुबह 6 से शाम 5 बजे तक काम करने लगा. इस बीच उसके दादा-दादी की मृत्यु हो गई और वो अपनी आंटी के साथ रहने लगा.

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दरअसल, जूनी को अपने दादा-दादी से बेहद लगाव था. दादा-दादी की मृत्यु के बाद वो चुप-चाप सा रहने लगा. इसी ग़म में उसका स्वास्थ्य भी ख़राब रहने लगा. युवा अवस्था में पहुंचने तक उसकी हालत गंभीर हो गई. जब वो 18 साल का था तब वो आख़िरी बार नहाया था.

टीवी शो के दौरान मनोवैज्ञानिक डॉ. केमिले गार्सिया ने बताया कि, जूनी इलुस्ट्रिसिमो की स्थिति के पीछे उनके माता-पिता द्वारा छोड़ जाना और दादा-दादी की मृत्यु का अवसाद हो सकता है. क्योंकि उन्हें इस बड़े दर्द का अनुभव युवा अवस्था में ही हो गया था. डॉ. केमिले गार्सिया ने कहा ये एब्लुटोफ़ोबिया हो सकता है.

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एब्लुटोफ़ोबिया में मरीज़ को नहाने से डर लगता है. इस बीमारी का इंसान के मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है. जिसमें उसे किसी भी प्रकार की गतिविधियों का अंदाज़ा तक नहीं होता है.