कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस बात को एक बार फिर सच कर दिखाया है जम्मू कश्मीर के मोइन ख़ान ने.
मोइन ने वेटर का काम किया, गाड़ियां धोईं और 7 साल तक एक राशन की दुकान में हेल्पर का काम किया पर उसके सपने काफ़ी बड़े थे.
हमने जम्मू में ‘ऑपरेशन ड्रीम्स’ शुरू किया, जहां मैं सुबह 8 से 10 बजे तक 150 बच्चों को पढ़ाता हूं. मोइन ख़ान ने बहुत मेहनत की है और मुझे उस पर गर्व है.
-संदीप चौधरी
मैं जम्मू के नागरोटा क्षेत्र के ठंडा पानी गांव से हूं. मेरे मां-बाप पढ़े-लिखे नहीं हैं और मैं अपने घर का पहला ग्रैजुएट हूं.
-मोइन
मोइन के पापा, गुजरात में दूध बेचते थे और फिर उन्होंने ढाबा खोल था. 2009 में उनका एक्सिडेंट हो गया और उसके बाद से ही परिवार की ज़िम्मेदारी मोइन पर आ गई.
मैंने 2012 में कोरेस्पोंडेंस से कॉमर्स में ग्रैजुएशन किया और पिज़्ज़ा हट में वेटर का काम किया. 3 साल तक मेरी तनख़्वाह 2,500 थी. इसके साथ ही मैं बीबीए भी कर रहा था.
-मोइन
मोइन ख़ान की कहानी हम सबके लिए प्रेरणा है.