सोशल मी़डिया को लेकर लोगों के मन में अलग-अलग छवियां हैं. कुछ इसे वक़्त की बर्बादी मानते हैं, तो कुछ के लिए ये रोचक और ज्ञान से भरपूर है. ध्यान से देखें तो दोनों ही सोच रखने वाले अपनी जगह सही हैं. ये हम पर निर्भर करता है कि दुनिया को एक सूत्र में बांधने वाले सोशल मीडिया को हम इस्तेमाल कैसे करते हैं.
कुछ लोगों ने इसे इस्तेमाल कर के ज़रूरतमंदों की मदद की है. कई छिपे हीरोज़ हैं, जिन्हें सोशल मीडिया की वजह से ही हम जानते हैं. दिल्ली में टैक्सी चलाने वाले देबेंद्र कापड़ी को उनकी ईमानदारी के लिए पहचान मिली और लोग उनकी मदद सोशल मीडिया की वजह से ही कर पाए.
हाल ही में पाकिस्तान के शख़्स द्वारा की गई पोस्ट काफ़ी वायरल हो रही है. इस पोस्ट में न सिर्फ़ गरीब की मदद करते उन्हें देखा जा सकता है, बल्कि इसके ज़रिए वो लोगों से अपील भी कर रहे हैं.
पाकिस्तान के शहर कराची की एक सड़क Khayaban e Ittehad पर एक उम्रदराज़ शख़्स गजरे बेच रहा था. भारी बारिश और रात के 2 बजे उसे ग्राहक मिलना नामुमकिन ही था. लेकिन वो लगातार बारिश में भीगते हुए अपनी कोशिश जारी रखे हुए था. दूर अपनी कार में बैठे शख़्स, उमाद से ये देखा नहीं गया. उसने इस उम्रदराज़ इंसान से बात करने की सोची.
उस बुढ्ढे आदमी को देख कर पता चल रहा था कि उसने कुछ खाया नहीं है और उमाद बिना वक़्त गवाए उससे खाने के लिए पूछता है
– बाबा खाना खाना है?
बिना देरी के वो बुज़ुर्ग ‘हां’ बोल देता है. पास ही बने Subway में दोनों लोग जाते हैं और उसके लिए खाना ऑडर करते हैं. फिर शुरू होता है बातों का सिलसिला.
बाबा बताते हैं कि उनका नाम हामिद है और महीने के अंत में उनकी बेटी की शादी है, जिसके लिए उन्हें 50 हज़ार रुपये की ज़रूरत है. हर रोज़ वो 200 से 300 रुपये घर ले जाते हैं, लेकिन बारिश के कारण आज उनकी कमाई नहीं हुई, तो उन्हें देर रात तक काम करना पड़ रहा है.
उमाद एक फ़ेसबुक पेज As If I Have Eaten चलाते हैं. उन्होंने बाबा की पूरी कहानी अपने पेज पर पोस्ट कर दी, साथ ही लोगों से अपील की बाबा की हर मुमकिन मदद करें.
सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट देख कर लगता है कि ‘हां, हमने अब इसे सही उपयोग में लाना शुरू कर दिया है, जिसे देख कर काफ़ी खुशी मिलती है’.