अक़्सर बचपन की कोई घटना हमारे मन पर गहरी छाप छोड़ जाती है. एक ऐसी ही घटना ने एक आम से असम के लड़के को बना दिया देश का एलिफ़ेंट डॉक्टर.
कुशल जी के पिता का ट्रांसफ़र हो गया और लक्ष्मी के साथ उनका खेलना भी बंद हो गया. 2 साल बाद जब वे अपनी दादी से मिलने गए तो उन्हें दादी ने बताया कि लक्ष्मी की मृत्यु हो गई. लक्ष्मी एक हथिनी थी.
मेरी उम्र मुश्किल से 8 साल रही होगी. ये घटना तक़रीबन 20 सालों तक मुझे परेशान करती रही. उसने अपनी जान इसलिए गंवाई क्योंकि उसका इलाज करने के लिए कोई स्पेशलिस्ट नहीं था, इसलिए मैं वेटरिनेरियन डॉक्टर बना.
-कुशल
कुशल 1983 में वेटरिनेरियन डॉक्टर (जानवरों के डॉक्टर) बने.
उत्तर पूर्व में Remote Tranquilizing Injection Technique की शुरुआत की. कई ‘मस्त’ हाथियों को पकड़ने से लेकर कई ज़ख़्मी हाथियों का इलाज भी किया है. एशियन हाथियों के भारत में संरक्षण के लिए भी उन्होंने काम किया.
डॉ. कुशल आम लोगों से भी ख़तरनाक Protection Traps के बजाए Bio-Fencing लगाने की अपील करते हैं.