भारत के इस बच्चे के हाथ उसके सिर से भी बड़े हैं. डॉक्टरों का अंदाज़ा है कि वो Lymphangioma या Hamartoma से पीड़ित है.
ये हैं केरल के थ्रीसूर ज़िले की प्रीति. 30 वर्षीय प्रीति जन्म से ही Ichthyosis से ग्रसित हैं. ये एक Skin Condition है, जिसमें मरीज़ की त्वचा सूखती है और निकलती रहती है. अपने इलाज के लिए आयुर्वेदे से लेकर एलोपैथी का सहारा लिया. जब त्वचा निकलती है, तब उसे असहनीय पीड़ा भी होती है.
The Better India में बातचीत से प्रीति ने कहा,
मेरी हालत ऐसी है कि मैं तेज़ गर्मी नहीं सह सकती. तेज़ गर्मी से मेरी त्वचा निकलती है और बहुत दर्द होता है. पर इससे ज़्यादा मैंने मानसिक पीड़ा सही है.
-प्रीति
प्रीति आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार से हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण करने की ज़िम्मेदारी उसकी मां पर है, जो मज़दूरी करके घर चला रही थी. अपनी मां के बारे में प्रीति ने बताया,
अब मां बूढ़ी हो गई है और मज़दूरी का काम नहीं कर सकती. मेरा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है और उसे घर चलाने और मेरे इलाज करवाने के लिए नौकरी करनी पड़ रही है. हमारी हालत बहुत ख़राब थी और मैं भी मदद करना चाहती थी. इसलिए मैं नौकरियां ढूंढने लगी.
-प्रीति
प्रीति को 10वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी. जहां एक तरफ़ प्रीति ने उम्रभर ज़िल्लत झेली, वहीं उसे कुछ ऐसे लोग भी मिले जो उसकी मदद को आगे आए. प्रीति के शब्दों में,
अभी तक के इलाज से मुझे फ़ायदा हुआ है. मेरी कम शिक्षा की वजह से मुझे Formal Sector में नौकरी नहीं मिल सकती पर ट्रीटमेंट की वजह से मैं घर का काम कर सकती हूं.
-प्रीति
Mathrubhoomi ने प्रीति की कहानी शेयर की थी और प्रीति की मदद करने के लिए अकाउंट नंबर भी दिया था.
The Better India की रिपोर्ट के अनुसार, समाजसेवी सुशांत निलांबुर ने प्रीति के इलाज के लिए Crowdfunding Campaign शुरू किया और 10 दिनों में 50 लाख इकट्ठा कर लिए.
मुझे बताया गया है कि लोगों ने बहुत सारे पैसे दान किए हैं और मेरा इलाज दोबारा शुरू हो जाएगा. पर अभी तक मेरे पास नौकरी के लिए कोई फ़ोन नहीं आया है.
प्रीति ने अपने परिवार को किसी भी तरह की Gossip और बेइज़्ज़ती से बचाने के लिए उनकी पहचान गुप्त रखी है.