किसी भी काम को करने के लिए मेहनत और जुनून की ज़रूरत होती है. मेहनत और जुनून के आगे उम्र को भी झुकना पड़ता है. अपने सपनों के पीछे से बेहतर है उन सपनों को पूरा करना. इन्हीं सपनों को पूरा करने के लिए इंसान का जुनूनी होना बेहद ज़रूरी है. आज महिलाएं पुरुषों से किसी भी काम में पीछे नहीं हैं. 21वीं शताब्दी की महिलाएं आज बैंकिग से लेकर आईटी, मीडिया से लेकर खेल के मैदान तक हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल गयी हैं.

हम आज आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी उम्र 45 साल है और वो इस उम्र में भी एक अच्छी एथलीट हैं. कोयंबटूर की रहने वाली A. Kalaimani एथलीट होने के साथ-साथ 3 बच्चों की मां भी हैं. जबकि वो रोज़ी-रोटी के लिए एक टी स्टॉल भी चलाती हैं. दसवीं क्लास तक पढ़ी Kalaimani स्कूल के दिनों से ही एथलेटिक्स और कबड्डी की प्रतियोगिताओं में भाग लिया करती थी. लेकिन शादी के बाद वो अपने पति के साथ टी स्टॉल पर काम करने लगीं. एक एथलीट होने के नाते वो कई मैराथॉन में दौड़ भी चुकी हैं.

Kalaimani 21 किमी मैराथॉन में पहले स्थान पर रही थी. वो हर रविवार को 21 किमी की दौड़ लगाती हैं, इसी कारण उनकी टीम ने उन्हें ‘Phoenix Runnuer’ नाम दिया है. अब वो 4 घंटे में 41 किमी मैराथॉन की दौड़ जीतना चाहती हैं.

Kalaimani का कहना है कि ‘मात्र 20 साल की उम्र में मेरी शादी हो गयी थी. शादी के बाद भी मैं अपना खेल जारी रखना चाहती थी. ये बात जब मैंने अपने पति को बताई तो वो इसके लिए मान गए. 10 साल पहले मेरे पति ने मुझे Masters Athletic Championships के बारे में बताया.’ इस दौरान उनकी जोसेफ़ से मुलाकात हुई, जिन्होंने कोच के तौर पर Kalaimani को ट्रेनिंग दी. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने चार बार गोल्ड मेडल भी जीते.

Kalaimani ने कहा कि ‘मैं लगातार मैराथॉन में भाग लेती रही इस दौरान मैंने मैराथॉन की ट्रेनिंग के लिए ‘Phoenix Runnuer’ की टीम को ज्वाइन किया. मैं सुबह 4 बजे उठकर अपने परिवार के लिए नाश्ता बनाती हूं. 5 बजे तक हसबैंड को उनकी चाय की दुकान पर छोड़कर ट्रेनिंग के लिए निकल जाती हूं. हर रविवार को हमारी टीम 21 किमी दौड़ लगाती है. साथ ही मैराथॉन के लिए 41 किमी की प्रैक्टिस भी जारी रहती है. अगर आप चाहें तो 100 साल की उम्र में भी आपको Masters Athletic Championships में हिस्सा लेने का मौका मिल सकता है. लेकिन इसके लिए आपको ख़ुद को शारीरिक रूप से फ़िट रखना होगा.’
इस उम्र में भी Kalaimani की ये मेहनत युवाओं को प्रेरित करती है. हम उम्मीद करते हैं वो ज़ल्द ही 41 किमी मैराथॉन की चैंपियन भी बने.