सुबह-सुबह अख़बार देने वाले भइया बेशक आपको आपके अख़बार की जगह दूसरा अख़बार पकड़ा दें, पर पड़ोस वाले शर्मा जी के घर कभी टाइम्स ऑफ़ इंडिया देना नहीं भूलते. कॉलेज में भी हर दूसरा पढ़ाकू लड़का टाइम्स ऑफ़ इंडिया ले कर ही घूमता दिखाई देता है. इसे टाइम्स ऑफ़ इंडिया की लोकप्रियता ही कहिये, जो बदलते समय में भी लोगों की पहली पसन्द बना हुआ है. 7.643 मिलियन रीडर्स के साथ टाइम्स ऑफ़ इंडिया, भारत का सबसे ज़्यादा बिकने वाला अख़बार बना हुआ है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया आज देश में लगभग हर भाषा में अपना संस्करण निकालता है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की शुरुआत साप्ताहिक अख़बार के रूप में हुई थी, जिसका पहला एडिशन 3 नवम्बर, 1838 में The Bombay Times और Journal of Commerce के रूप में निकला था. 1850 में इसे डेली न्यूज़पेपर की शक़्ल दी गई. तब से लेकर अब तक टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने न जाने कितनी ही ख़बरों को देखा और छापा, ये कहना गलत नहीं होगा कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया अपने आप में भारत का एक इतिहास है. इतिहास को समेटे इसी अख़बार की आज हम आपके लिए कुछ तस्वीरें लेकर आये हैं, जो पुराने समय के टाइम्स ऑफ़ इंडिया की झलक दिखाती हैं.

रीडिंग रूम

प्रिंटिंग रूम

बाइंडिंग रूम

एडिटर का कमरा

जनरल ऑफ़िस

प्रेस रूम

अख़बार छापने वाले मशीनमैन और प्रेसमैन

बुकबाइंडर्स, पेजिंग और रूलिंग मैन

1898 में नवम्बर के दौरान टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपनी डायमंड जुबली मनाई, जिसके लिए कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी मुम्बई के टाउन हॉल में इकट्ठा हुए.

न्यूज़ कम्पोजिंग रूम

क्लर्क और कम्पोज़िटर.

मशीन रूम नंबर 2

मशीन रूम नंबर 3

मशीन रूम नंबर 1

टाइपिंग रूम

जनरल मेनेजर रूम

जुलाई 1898 में Elphinstone Circle पर बनी टाइम्स ऑफ़ इंडिया की बिल्डिंग. 

Source: Oldindianphotos