जेब खाली हो फिर भी मना करते नहीं देखा मैंने पिता से अमीर इंसान नहीं देखा…

गुलज़ार साहब की ये लाइन बहुत कुछ कहती हैं.

पिता, पापा या कहो बाबूजी…! वैसे तो एक बच्चे का जुड़ाव सबसे अधिक उसकी माता से होता है क्योंकि वो मां को ही सबसे पहले देखता है. एक बच्चे के लिए उसकी मां दया की देवी होती है, तो उसके पिता उसके लिए एक सच्चे हीरो होते हैं. एक बच्चा चाहे वो लड़का हो या लड़की, अपने जीवन का एक सबसे अच्छा दोस्त अपने पिता को ही समझता है. पिता जो शायद अपने प्यार को जल्दी ज़ाहिर नहीं कर पाते, लेकिन उनके मन में भी अपने बच्चों के लिए उतना ही प्यार होता है, जितना एक मां के मन में. जैसे एक मां उसके बच्चे के लिए ज़रूरी है, उसी तरह ही पिता भी बच्चे के लिए उतना ही ज़रूरी है. पिता जो हमारे लिए सब कुछ करते हैं, बिन बोले हमारी हर इच्छा को जान लेते हैं और कैसे भी करके हमारी छोटी से छोटी ख़्वाहिश को पूरा करते हैं. वो प्यार करते हैं पर जताते नहीं, वो गुस्सा करते हैं पर दिखाते नहीं. वो समझते हैं, पर कुछ कहते नहीं. जी हां, ऐसे ही होते हैं पापा.

कुछ लोगों के लिए पिता का मतलब सिर्फ़ मिलने वाली ‘पॉकेट मनी’ से है, तो कुछ के लिए उनके पिता ही सब कुछ होते हैं. जैसे हर बच्चा अपनी मां में ममता की मूरत को देखता है, वैसे ही वो अपने पापा को किसी सुपर हीरो से कम नहीं समझता है. उसके लिए उसके पापा ही शक्तिमान हैं, वो स्पाइडरमैन हैं. पर पापा! ये मेरे लिए महज एक शब्द नहीं, बल्कि एक ज़िन्दगी है. मेरे लिए तो मेरे पापा ही मेरी मां भी हैं.

हर पिता में एक मां छुपी होती है, उनके अंदर भी ममता होती है. बच्चे को खंरोच आने पर वो भी उसी तरह विचलित हो जाते हैं जैसे मां होती है. जब मां नहीं होती तो पापा ही तो हैं, जो हमारी केयर करते हैं.

हमारी तबियत ख़राब होती है, तो रात-रात भर जागते हैं. बार-बार ठंडे पानी की पट्टी रखते हैं.

जब भी बच्चा परेशान होता है, तो दोस्त की तरह उसको समझने की कोशिश करते हैं.

वो आज़ादी देते हैं, मां की तरह ही जब तक बच्चा घर न आ जाए तब तक चिंता में बार-बार फ़ोन देखते हैं, कॉल करके करंट लोकेशन चेक करते रहे हैं.

वो खुद को बहुत सख़्त दिखाते हैं, पर जब उनका बच्चा परेशानी में होता है, तो अंदर ही अंदर वो भी रोते हैं पर जताते नहीं.

जैसे मां ग़लती पर बच्चे को डांटती है, मारती है पर खुद भी रोती है, बिलकुल वैसे ही वो भी गुस्सा दिखाते हैं, बात नहीं करते, पर चैन उनको भी नहीं आता अपने बच्चे से नाराज़ होकर.

पापा से प्यारा दोस्त ज़िन्दगी में दूसरा कोई नहीं होता और न ही हो सकता है. वो दोस्त की तरह सही सलाह देते हैं.

कई मामलों में मैं उनसे बात नहीं कर सकती, पर बिन कहे वो समझ जाते हैं और इनडायरेक्ट ही समझाने की कोशिश करते हैं.

ऐसे ही हैं मेरे पापा मेरे लिए वो मेरी मां भी हैं और पिता भी, दोस्त भी, गुरु भी. मेरे पापा ने मुझे आज़ादी दी है, ज़िन्दगी जीने की आज़ादी. उनके भोलेपन, ईमानदारी और सौम्य स्वभाव ने मुझे एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित किया. वो ही हैं जिनके प्रोत्साहन की बदौलत आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हो पाई हूं. पापा के लिए लिखने बैठूंगी तो बहुत कुछ लिख जाऊंगी, पर अपनी बात को मैं इन्हीं चार शब्दों के साथ ख़त्म कर रही हूं कि ‘I Love You Papa’

Happy Father’s Day…

मेरे लिए तो मेरे पापा ही मां हैं, पर आप अपने पिता के बारे में क्या सोचते हैं? आप अपने मन की बात अगर अपने पापा से शेयर नहीं कर पा रहे हैं, तो इस आर्टिकल को शेयर करिये और अपने पापा के लिए एक प्यारा-सा मैसेज कमेंट करके बताइए.