चरखे पर घूमती मिट्टी को देख कर शायद हम अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि कुछ समय बाद इससे क्या निकलने वाला है. हो सकता है कि कोई घड़ा निकले या ये भी हो सकता है कि कोई फूलदान निकले. आम सी दिखने वाली किसी भी चीज़ की कीमत हम उस समय समझ पाते हैं, जब वो अपने पुराने रूप को छोड़ कर एक खूबसूरत अवतार के साथ हमारे सामने आती है. अब जैसे इन्हीं तस्वीरों को देखिये, जिनमें पुराने सिक्कों का इस्तेमाल करके खूबसूरत चीज़ों में बदल दिया गया है.

चीज़ों के बनने से पहले कि कहानियों को बताते हुए हाथ.

शायद ये अब किसी गले को पहले से ज़्यादा खूबसूरत बनाये.

चल अब दोस्ती को थोड़ा और आगे बढ़ा लें.

कुछ साफ़-सफ़ाई भी हो जाये.

एक तोहफ़ा, जो खास पलों को और भी खास बनाता है.

काश कि ये पल भी इसकी तरह ही थम-सा जाये

निशानियां अब भी वैसी हैं.

कुछ तुम भी सोचो?

काश कि ज़िन्दगी कुछ ऐसे लम्हों में समेटी जा सकती.

रानी भी इससे अछूती नहीं.

परिंदों के भी जाने का वक्त हो गया.

खुबसूरत हाथों की खूबसूरती को बढ़ाते कुछ कंगन

कुछ चीज़ें बस महसूस की जाती हैं.

आओ के कोई ख़्वाब बुने.

इस बारे में तुम ही कुछ कहो.

तीन की तिकड़ी.

पैसा और पॉवर एक साथ.

बंधन

खुबसुरत गले की तलाश में एक हार.

कभी न खत्म होने वाला एक इंतज़ार.