प्रकृति से सुंदर कुछ भी नहीं है. अलग-अलग रंग के फूल और पेड़ प्रकृति की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं, जो सूकून और शांति प्रकृति की गोद में मिलती है उसका मज़ा ही अलग होता है.

आजकल पेड़ों के वास्तविक रूप से ज़्यादा उन्हें एक आर्टिस्टिक रूप देने का चलन चला है. इसमें आर्टिस्ट अपनी कारीगरी दिखाते हुए पेड़ों पर अलग-अलग डिज़ाइन बनाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ जापान में, जो 1973 में ‘Experimental Forestry’ प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया था. इनका उद्देश्य था पेड़ों की देखभाल करना. इसके लिए उन्होंने मियाज़ाकी प्रीफ़ेक्चर में निचिनन सिटी के पास इस तरह से देवदार पेड़ लगाए, ताकि जब वो बड़े हों, तो एक सर्किल लगे.

जैसा, कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं.

बहुत ही मनोरम दृश्य है

इन वादियों में जाने के बाद वहां से आने का मन ही नहीं करेगा

देख कर लग रहा है, जैसे किसी ने मेहंदी से बनाया हो

ये पेड़ हैं. इन्हें जिस तरह से लगाया है, वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है

ये भु्ट्टे के आकार जैसे हैं, लेकिन पेड़ हैं

पेड़ों की ख़ूबसूरती निहारता एक व्यक्ति

ये इनकी लंबाई है

एकबार जाना तो बनता है

इन पेड़ों को देखने के बाद लोगों ने इस पर अपनी कुछ प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिनमें से कुछ हम आपके लिए लाए हैं.

जापान में पेड़-पौधे लगाना एत आर्ट जैसा है.

बहुत ही आश्चर्यजनक है, जिस तरह से ये बढ़ रहे हैं.

एक ने तो लिखा, कि ये लग रहा है मेरे दोस्त ने किया है, जिसका नाम टोटोरो है.

इन तस्वीरों पर लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है, जो आप पढ़ सकते हैं.