घर से निकलते ही आपने अपने आस-पास न जाने कितने ही पेड़ देखे होंगे. कुछ पेड़ों को देख कर, तो उनकी उम्र का अंदाज़ा ही लगाना मुश्किल-सा लगता है. जबकि कुछ पेड़ तो ऐसी-ऐसी जगहों पर उगे हुए होते हैं कि विश्वास ही नहीं होता कि ऐसी जगह पर भी ये हरा कैसे है? आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही पेड़ों की तस्वीरें ले कर आये हैं, जिन्हें देख कर ऐसा लगता है जैसे इन्होंने मृत्यु में भी अपना जीवन तलाश कर लिया हो.
सरहदों में न बंध पाया एक पेड़.
जब ज़मीन पर जगह न हो, तो आसमान में मकान बनाना ही पड़ता है.
सबसे तन्हा, पर सबसे बुलंद.
लोगों को रफ़्तार की अहमियत समझाते हुए.
इन्सान बेशक अपनी जड़ें भूल गया हो, पर मुझे अब भी याद है.
मुझे तो काट दोगे, पर मेरे इरादों को कैसे काटोगे?
बीच रेगिस्तान भी खुद को बचाए रखने का हुनर कोई इनसे सीखे.
मैं बेशक झुक गया हूं, पर मेरे अब भी हौसले नहीं झुके हैं.
मैं अनंत की तरह हूं, हर जगह अपनी जगह बना लेता हूं.