आज संचार और यातायात ने पूरी दुनिया को आपस में जोड़ दिया है, इंसान जहां चाहे जा सकता है और जिससे मन करे, संपर्क कर सकता है. दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली है, पर एक ऐसा टापू भी है, जहां के लोग बाकी दुनिया से कटे हुए हैं. न तो बाकी की दुनिया से उन्हें कोई मतलब है और न ही वो किसी से संपर्क करना चाहते हैं. यहां जाने का मतलब ज़्यादातर लोगों के लिए मौत साबित हुई है.
इस जगह का नाम है, सेंटिनल आइलैंड. यहां सेंटिनलीज़ जनजाति के लोग रहते हैं, जिनका आधुनिक मानव सभ्यता से कोई लेना-देना नहीं है. इस जनजाति के लोग इतने आक्रामक हैं कि वे किसी को अपने पास नहीं आने देते. जिसने भी इनके पास जाने की कोशिश की, उसकी हत्या कर दी गयी.
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भारत के अधिकार क्षेत्र में आने वाला सेंटिनल आइलैंड देश का हिस्सा होकर भी सबसे कटा हुआ है. देश में यूं तो आपको कहीं भी घूमने फिरने की आज़ादी है, लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जहां जाने से सरकार भी मना करती है.
अंडमान निकोबार द्वीप समूह का नॉर्थ सेंटिनल द्वीप बेहद ख़तरनाक जगह माना गया है. यहां के लोग किसी से मिलते-जुलते नहीं हैं और जो भी यहां घुसपैठ करता है, उसे देखते ही मार डालते हैं.
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1991 के बाद से भारत ने मेल-जोल के सभी प्रयास बंद कर दिए. भारत सरकार ने इस इलाके को Exclusion Zone घोषित करके, यहां किसी बाहरी शख्स के प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर्यटकों का भी यहां जाना मना है.
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2006 में यहां के लोगों ने कुछ मछुआरों को मार डाला था. इससे पहले भी कई बार यहां से हिंसा की खबरें आ चुकी हैं. हालांकि, ये जनजाति करीब 60,000 सालों से यहां रह रही है. इन लोगों को ‘Lost Tribe’ भी कहा जाता है.
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जब 2004 में हिंद महासागर में भूंकप और सुनामी आई थी, तब सरकार ने उनकी मदद के लिए तीन दिनों बाद एक हेलिकॉप्टर भेजा था, लेकिन वहां के लोगों ने हेलिकॉप्टर को देखते ही उस पर पत्थरों और तीरों की बरसात कर दी.
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भारत सरकार ने सन 1967 से 1991 के बीच यहां के लोगों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से उनसे संपर्क साधने के कई प्रयास किए, लेकिन नाकामयाबी ही हाथ लगी. हर बार स्थानीय लोगों ने आक्रामकता दिखाई.
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वर्तमान में इस जनजाति की जनसंख्या कितनी है, इसका भी कुछ ठीक-ठीक अंदाज़ा नहीं लगाया जा सका है. इनकी संख्या 40-500 के बीच होने का अनुमान लगाया जाता है. ये जनजाति खेती नहीं करती है, क्योंकि इस पूरे इलाके में अब भी घने जंगल हैं.
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आकाश से देखने पर नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड किसी भी सामान्य आइलैंड की तरह एकदम शांत और ख़ूबसूरत दिखता है, लेकिन ये ही ऐसी जगह है, जहां के लोग पूरी दुनिया से अलग हैं.