हमारा देश स्वाद और व्यंजनों के मामले में सबसे धनी रहा है. जितनी विविधता हमारे यहां रसोई में देखी जाती है, उतनी शायद विश्व के किसी भी देश में देखने को नहीं मिलती. जहां बाहर देशों में लोग जंक फ़ूड और पैक्ड खाने पर जोर देते हैं, वहीं हमारे देश में लोग खुद से पकाकर खाने में विश्वास रखते हैं. यही बात है कि आप देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते ही व्यंजनों में बदलाव देखने लगते हैं. सुबह की चाय से लेकर रात के डिनर तक हम न जाने कितनी चीज़ें खा लेते हैं. लेकिन कुछ चीज़ें जो हमारे रसोई में रच-बस गईं हैं, वो हमारी खुद की नहीं हैं. कहने का मतलब ये है कि हम सोचते हैं कि जितनी चीज़ें या व्यंजन हम खाते हैं, वो हमारी खुद की खोज है, लेकिन यकीन मानिये, आप भ्रम में हैं.

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन-कौन से व्यंजन हमारे अपने नहीं हैं, बल्कि हमारी रसोई तक वो किसी दूसरी जगह से पहुंचे हैं.

1. समोसा

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चाहे कोई मेहमान आ जाये या शाम की चाय के साथ कुछ खाने का मन हो, हमारा पहला ऑप्शन होता है-समोसा. आलू भरा ये तिकोना व्यंजन असलियत में हमारा अपना आविष्कार नहीं है. दरअसल ये Middle East देशों की देन है, जिसे वहां ‘सम्बोसा’ कहा जाता था. व्यापार और अन्य कामों के लिए जब वहां के निवासी भारत आये, तो हमे समोसा बनाना सिखा गये. ये लगभग 14वीं शताब्दी में हमारे देश में आया था.

2. गुलाब जामुन

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गुलाब जामुन का नाम सुनते ही हर भारतीय के मुंह में पानी आ जाता है. जब भी हम लजीज़ मिठाई को देखते हैं, तो खुद को रोक नहीं पाते. इतना ही नहीं, हम अपने विदेशी दोस्तों को भी बड़े शान से गुलाब जामुन के स्वाद की कहानी सुनाते हैं. पर सच्चाई तो ये है कि ये लजीज़ मिठाई Mediterranean और Persia की देन है. इसका असली नाम luqmat al qadi है. हालांकि, हमने इसको बनाने के तरीके में थोड़ा अंतर है. वहां पहले Fried Balls को शहद में डुबोया जाता था. इसलिए अगली बार से इसका गुणगान करने से पहले ज़रा सोच लेना.

3. Vindaloo

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आप कभी गोवा गए होंगे, तो आपको इस डिश के बारे में पता होगा. ये डिश बीच पर लंच में काफ़ी चाव से खाया जाता है. मस्त Spicy Meat Curry गोवा की अपनी खोज नहीं है. इस व्यंजन की जड़ें पुर्तगाल से जुड़ी है. ये पुर्तगाल के मशहूर डिश carne de vinha d’alhos की कॉपी है. Vindaloo दरअसल, वाइन, Pork और Garlic से मिलकर बनता है, और आप इसके पुर्तगाली नाम में इन तीनों चीज़ों को देख सकते हैं. इसके भारतीय स्वरुप में कुछ बदलाव लाया गया है. हम अपने सुविधानुसार इसमें आलू और कई मसाले मिलाने लगे हैं, पर आईडिया तो दूसरों का ही है न.

4. शुक्तो

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बंगाल की इस ख़ास रेसिपी को देखते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है. हमारे दिमाग में बंगाल का नाम आते ही हम कई पकवानों के बारे में सोचने लगते हैं. शुक्तो इनमें से एक है. आप सोच रहे होंगे कि क्या ये भी बंगालियों का अपना आइडिया नहीं है, तो आप सही सोच रहे हैं. इसको भी पुर्तगाली गोवा को सिखा गये थे, फिर वहां से इन्फ्लुएंस होकर बंगाल में इसको बनाया जाने लगा. पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ये बंगलादेश में भी काफ़ी प्रचलित है. हालांकि, शुक्तो करेले से बनाया जाता है, जिसको उत्पति भारत में हुई है. पर हकीक़त ये है कि प्राचीन समय से ही इसे पुर्तगाली बनाते आये हैं.

5. चाय

चाय किसी की भी देन हो, मगर एक भारतीय चाय का जितना दीवाना होता है, उतना कोई और नहीं हो सकता. हर घर में सुबह से लेकर शाम तक चाय की चर्चा होती ही रहती है. पर वास्तविकता तो ये है कि ये हमारा देसी खोज नहीं है. ये चीन से पूरी दुनिया में प्रचलित हुआ है. चीनी लोग इसको दवाई की तरह उपयोग करते थे, फिर ब्रिटेन वालों ने इसके स्वाद को सराहा और इसे मशहूर कर दिया. ब्रिटेन दुनिया भर में चाय बाज़ारों में चीन का एकाधिकार खत्म करने के लिए तत्पर था, इसलिए वो इसे भारत ले आये. देश के नार्थ-ईस्ट में बड़े पैमानों पर इसकी खेती भी होने लगी. हमारे देश में 1950 के बाद से चाय का जबरदस्त क्रेज़ हो गया.

6. दाल-भात

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बिहार और यूपी में चावल दाल को मिलाकर दाल-भात कहते हैं. ज़्यादातर घरों में दोपहर में लोग शौक से दाल-भात खाते हैं. ये नाम से और स्वाद से इतना देसी लगता है कि कोई सोच भी नहीं सकता कि ये भी हम किसी और को देख कर सीखे हैं. दाल-भात एक नेपाली व्यंजन है. बिहार और यूपी के करीब होने के कारण इसे आसानी से अडॉप्ट कर लिया गया और आज हमारी थाली की शान बन गया है. इतने साधारण डिश पर भी भारत का टैग नहीं होने पर आपको दुःख तो बहुत हुआ होगा न.

7. राजमा

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दिल्ली के हर मोड़, नुक्कड़ पर आपको कई छोटे-छोटे ठेले देखने को मिल सकते हैं, इन ठेलों पर आप लिखा देख सकते हैं कि राजमा-चावल, छोले-चावल और छोले-भटूरे. लेकिन एक बात ध्यान से सुन लीजिये कि ये भारतीय डिश नहीं है. किडनी बीन के नाम से मशहूर राजमा भारत में Central Mexico और Gautemala से आई थी. उसको उबालकर कर मसाले के साथ पकाने का कॉन्सेप्ट भी Mexico का ही है. राजमा मेक्सिको की खाने-पीने की मुख्य चीज़ों में शुमार है. ये बात भी है कि हम भारतीय ने टमाटर और देसी मसलों से इसके स्वाद को शिखर पर पहुंचा दिया है.

8. Bandel Cheese

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ये बंगाली डिश भी पुर्तगाली व्यंजन है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि चीज़ भारत की देन है और इसकी उत्पति पूरी भारत में हुई है. लेकिन Bandel Cheese एक प्रयोग था, जिसे पुर्तगाल ने बनाया था. समय के साथ अलग-अलग लोगों ने इसमें बदलाव लाते हुए इसके जैसे कई और डिशेज़ बना डाले. पर जहां इसकी शुरुआत हुई थी, इसकी उत्पत्ति तो मानी वहीं की जाएगी. पुर्तगालियों ने Cheese को थोड़े अलग तरीके से बना कर एक प्रयोग कर दिखाया, जिसे बाद में चीन समेत कई देशों ने फॉलो किया.

9. नान

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बटर नान, चूर-चूर नान और कई अन्य वैरायटी में आप नान दिल्ली की सड़कों पर देख सकते हैं. हमारे जितनी वैरायटी आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगी. अभी हाल में ही अमेरिकी और यूरोपीय देश के लोगों ने इसको Chicken Tikka के साथ मिलाकर खाना शुरू कर दिया. असलियत तो ये है कि नान भारतीय डिश नहीं है, बल्कि इसको भारत में मुग़ल साम्राज्य के दौरान लाया गया था. नान एक पर्शियन डिश है, जो वहां भी ख़ास रोटी से प्रेरित है. अब नान पर गुमान मत कर बैठना.

10. जलेबी

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जलेबी को लेकर तो हम भारतीय इतने आश्वस्त हैं कि लोग इसे देश की अधिकारिक मिठाई बताने से भी नहीं चूकते. लेकिन जो हम बताने जा रहे हैं वो सुन कर आपको जोर का धक्का लगेगा. हां, जलेबी भी भारतीय मिठाई नहीं है. जलेबी भी विश्व को Middle East की देन है. इसके अलावा Middle East ने दुनिया को कई वैरायटी की मिठाइयों से परिचित करवाया है. जलेबी के भी कई प्रकार हैं, पर हम जो जलेबी खाते हैं, वो हमारे देश में पर्शियन लेकर आये थे. हमारे देश में इसको पतला और कुरकुरा बनाया जाने लगा. दक्षिण भारत में इसमें बदलाव लाकर इमरती बनाया जाने लगा.

11. फ़िल्टर कॉफ़ी

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कॉफ़ी नाम से ही हमें पता चल जाता है कि ये कोई विदेशी माल है. लेकिन फ़िल्टर कॉफ़ी तो हमारा अपना है. कुछ लोग कॉफ़ी को कहवा बता कर मुगलों का पेय पदार्थ बताते हैं. भारत में इसकी शुरुआत भी उसी समय हुआ था, जब चाय का हुआ था. ऐसा भी कहा जाता है कि इसे 16वीं शताब्दी में भारत लाया गया था. इसको लाने का श्रेय Baba Budan थे, जो Mecca घूमने गये थे. इसको लाने के बाद उन्होंने इसकी खेती शुरू कर दी और पेय पदार्थ के रूप में प्रचलित कर दिया. उस समय लोग इसको मदिरा के रूप में पीते थे.

अब आप समझ गये न! जिन चीज़ों पर हम अबतक घमंड करते आये हैं, वो सारी चीज़ें तो विदेशी निकलीं. अगली बार किसी विदेशी दोस्तों को अपने देश की मशहूर चीज़ बताने से पहले ये लिस्ट चेक कर लीजिएगा, कहीं फालतू में बेईज्ज़ती न हो जाए. इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और उन्हें ये चौंकाने वाली जानकारी दें.