Body Positivity के बारे में सुना है? अपने शरीर को स्वीकार करने और उसे उसी रूप में प्यार करने की ये एक तरह की सकारात्मक पहल है. इस वक़्त हर इंसान अपने शरीर से दुखी है, किसी को लगता है वो बहुत मोटा है, किसी को लगता है पतला है. किसी को अपने शरीर के किसी हिस्से से शिकायत है, तो कोई सर्जरी करवाने के बाद भी ख़ुश नहीं है.

और इसके पीछे एक वजह है वो सभी लोग या Commercials, जो मिनटों में पतला होने की गारंटी करते हैं. सोशल मीडिया पर कई बार लोग अपनी Before-After पिक्चर्स दिखा कर दूसरों को बेवकूफ़ बनाते हैं. अपनी मेहनत से वज़न कम करना अलग है और चालाकी दिखाना अलग.

दरअसल जितनी भी ये वेटलॉस से पहले और बाद की तस्वीरें दिखाई जाती हैं, उन सभी में Trick यूज़ की जाती है. हम इसी में फंस जाते हैं और उस भेड़चाल का ही हिस्सा बन जाते हैं.

चलिए दिखाते हैं आपको इन Before-After तस्वीरों का सच: 

बॉडी पॉज़िटिविटी का सन्देश दे रहे कुछ लोगों ने 2 मिनट के गैप में अपनी इन तस्वीरों को खींचा, ताकि वो ये दिखा सकें कि जो हम टीवी में देखते हैं, उसमें कितनी सच्चाई है. ये सभी तस्वीरें एक ही समय में ली गयी हैं, फ़र्क सिर्फ़ फ़ोटो लेने के तरीके का है, Weight Loss प्रोग्राम का नहीं.

इन तस्वीरों में आपकी ये तो साफ़ दिख ही गया होगा कि कैमरा एंगल से मोटी लग रही लड़की की दो सेकंड में एथलीट जैसी बॉडी बन गयी. 

फ़िट रहना एक लगा चीज़ है और अपने शरीर की क्षमता से ज़्यादा अपेक्षा रखना बेवकूफ़ी है. एक वज़नी महिला भी उतनी ही फ़िट हो सकती है जितनी कोई Average वेट की महिला. लेकिन अगर आप अपने शरीर से अलग अपेक्षाएं रखने लगेंगे, तो ये उसके लिए हानिकारक होगा. दुनिया में इस वक़्त कई लोग हैं, जो अपने शरीर को उसकी लिमिट से से कई गुना ज़्यादा पुश कर रहे हैं और जब उन्हें वो रिज़ल्ट नहीं मिलते, तो वो डिप्रेशन में चले जाते हैं.