करीब 20 साल बाद मुंबई के वर्सोवा Beach पर एक ख़ूबसूरत नज़ारा देखने को मिला है. इससे ज़्यादा ख़ुशी की बात और क्या होगी कि सालों बाद भारतीय बीच पर कछुओं की लुप्त हो चुकी प्रजाती, ऑलिव रिडली देखे गए हैं. कछुओं का इस तरह से Beach पर नज़र आना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है और इस सफ़लता का पूरा श्रेय जाता है सोशल वर्कर अफ़रोज शाह को.

ये अफ़रोज शाह और उनकी टीम की मेहनत का ही नतीजा है, जो उन्होंने 85 हफ़्तों की कड़ी मेहनत के बाद Beach पर जमा 5 मिलियन किलोग्राम प्लास्टिक का कचरा हटा कर कछुओं को वहां आने पर मजबूर कर दिया. द गार्जियन बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अफ़रोज़ ने कहा, ‘मैंने जब कछुओं को समुद्र की ओर आते हुए देखा, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए.’

कुछ समय पहले तक वर्सोवा Beach की हालत इतनी बुरी थी कि हर तरफ़ कचरा ही कचरा जमा था, लेकिन अफ़रोज ने अकेले अपने दम पर सफ़ाई अभियान की शुरूआत करके ये अनोखा कारनामा कर दिखाया. इसका मतलब साफ़ है कि अकेला आदमी चाहे, तो क्या नहीं कर सकता. दिल में कुछ करने का जुनून और इच्छाशक्ति से इंसान हर असंभव काम को संभव कर सकता है.

आइए अब एक नज़र इन ख़ूबसूरत तस्वीरों पर:

1. कछुओं को समुद्र घूमते-घूमते करीब 100 मिलियन से अधिक समय हो गया, लेकिन हम इंसानों ने गंदगी कर उनका जीना मुश्किल कर दिया.

2. इस तरह पकड़ कर लोगों ने उन्हें ख़त्म कर दिया.

3. वो मछली के जाल में कुछ इस तरह उलझ गए.

4. जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और समुद्र तटों पर हो रहे विकास ने उन्हें नष्ट कर दिया.

5. हाल ही में मैक्सिको के तट पर 300 कछुए मृत पाए गए, जो कि मछली पकड़ने वाले जाल में फंसे हुए थे.

6. धीरे-धीरे चीज़ों में परिवर्तन आया और हालिया अध्यन में समुद्री कछुओं की संख्या में वृद्धि देखी गई.

7. भारत में हुई समुद्र तट की सफ़ाई कछुओं का जीवन सरल बनाती है.

8. ये सब अफ़रोज शाह की मेहनत का नतीजा है.

9. संयुक्त राष्ट्र ने इसे ‘दुनिया की सबसे बड़ी समुद्र तट सफ़ाई परियोजना’ कहा है.

10. कभी ये ग्राउंड कचरे से भरा हुआ था.

11. Beach की कायापलट में काफ़ी लोगों ने सहयोग किया. 

12. ये नज़ारा किसी की आंखों में आंसू भी ला सकता है.

13. कछुओं की सात प्रजातियों में 6 प्रजातियों को अभी भी लुप्त माना जा रहा, जिसके लिए अभी काफ़ी काम करना बाकी है.

धरती के इन जीवों का सरंक्षण करना हमारा फ़र्ज है. अगर इन्हें सुरक्षित रखना है, तो समु्द्र को कचरे से गंदा न करें और अपने आस-पास मौजूद लोगों को भी गन्दगी करने से रोकें.