ये दुनिया कैसी दुनिया हैये दुनिया किस की दुनिया है

इब्न-ए-इंशा के ये शब्द बेवजह ज़हन में नहीं आए हैं. टर्की में रहने वाले एक फ़ोटोग्राफ़र Uğur ने तस्वीरों की एक श्रृंख्ला तैयार की है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि इस दुनिया के दो चरम छोर हैं. 

Uğur ने कोई बात नहीं कही है, बस दो अलग-अलग दुनिया की तस्वीरों को एक फ़्रेम में रख दिया है. ऐसा करने से जो तस्वीर खिंचती है वो उस दो दुनियां की सच्चाई को निडरता से सामने रखती है, जो चंद मील के फ़ासले पर बसते हैं.

1. हालात जैसे भी हो, इंसान जीना सीख ही लेता है.

2. चलने का नाम ज़िंदगी है.

3. प्रकृति ने हमें पेड़ दिया, हमने उसे परमाणु दिया.

4. सबके नसीब में ज़मीन नहीं होती.

5. बस एक नागरिकता के फ़र्क से भीड़ की शक्ल बदल जाती है.

6. गहरी नींद की ओर…

7. लोगों की ज़िंदगियां भी एक खेल बन गई है.

 8. भविष्य का निर्माण.

9. जानलेवा खिलौने.

10. हर आतिशबाज़ी अपने साथ ख़ुशियां नहीं लाती.

11. दुख की बारिश में ग़म में नाचती एक महिला.

12. जब मौत का लाइव टेलिकास्ट हो रहा था.

13. हत्या का उल्लास.

14. विज्ञान की प्रगति हुई लेकिन मानवता हारती चली गई.

15. राष्ट्रशक्ति की परेड.

दुनिया के इस फ़र्क को देखने के साहिर लुधियानवी के शब्द में बार-बार बस यही कहा जा सकता है कि ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है.