कहते हैं कि भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा दान होता है. जहां तक संभव हो सके अच्छे या फिर बुरे वक़्त में भी हमें भूखे को भोजन ज़रूर कराना चाहिए. कोरोना काल में भी कई लोग ऐसे हैं जो बिना किसी की मदद के अपने दम पर रोज़ाना हज़ारों भूखे लोगों का पेट भर रहे हैं. ये हमारे लिए किसी सुपर हीरो से कम नहीं. चलिए आज आपको कुछ ऐसे सी हीरोज़ के बारे में बताते हैं जो चुपचाप निस्वार्थ भाव से ग़रीब लोगों का पेट भरने में लगे हैं.
1. तमिलारसन

मदुरै के रहने वाले तमिलारसन एक चायवाले हैं. वो साइकिल से अपने आस-पास के इलाकों में चाय बेचते हैं. इसके साथ ही वो अपनी कमाई के एक हिस्से से रोज़ाना ग़रीबों को भोजन करवाते हैं.
2. विकास खन्ना

Michelin Star Chef अवॉर्ड से भी सम्मानित विकास खन्ना ने लॉकडाउन में 90 लाख खाने के पैकेट बांटे थे. न्यूयॉर्क में बैठे-बैठे वो अभी भी Feed India अभियान के तहत लाखों लोगों तक भोजन पहुंचा रहे हैं.
3. फिलिम रोहन सिंह

मणिपुर के रहने वाले फिलिम रोहन सिंह एक साइकिलिस्ट हैं. वो जब से लॉकडाउन लगा था तब से ही ग़रीब लोगों तक साइकिल के ज़रिये भोजन पहुंचा रहे हैं. उन्होंने और उनके दोस्तों ने मिलकर बेघर लोगों को खाना खिलाने में क़रीब 3 लाख रुपये ख़र्च कर डाले हैं. वो आगे भी इस नेक काम को जारी रखना चाहते हैं.
4. खालसा एड

ब्रिटेन का ‘खालसा एड’ एक ऐसा ही संगठन है जो पिछले कई सालों से ज़रूरतमंदों की मदद के लिए दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच जाता है. उन्होंने पंजाब में कृषि बिल का विरोध कर रहे 15,000 किसानों को सितंबर में खाना सर्व किया था.
5. हर्ष और हिना मंडाविया

हर्ष और हिना मंडाविया मां-बेटे हैं, ये मुंबई में एक डिलिवरी किचन चलाते थे. लेकिन लॉकडाउन में काम बंद हो गया तो इन्होंने ज़रूरतमंदों को खाना खिलाना शुरू कर दिया था.
6. रानी
Tamil Nadu: A 70-yr-old woman Rani runs an idli shop near Agni Tirtham in Rameswaram&serves idli free of cost to the poor;says,“We charge Rs.30 for a plate of idli,but we do not insist upon money. Who doesn’t have money,we don’t charge them. We still use wood as fuel for cooking” pic.twitter.com/yQuwihqv8o
— ANI (@ANI) September 15, 2019
रामेश्वरम में रहने वाली रानी जी एक इडली शॉप चलाती हैं. यहां वो ग़रीबों को मुफ़्त में इडली-सांभर खिलाती हैं. 70 वर्षीय रानी अम्मा संपन्न लोगों से भी खाने बहुत कम पैसा लेती हैं.
7. गुरुद्वारे

लॉकडाउन में दिल्ली की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ज़रूरतमंदों के लिए ‘Langar On Wheels’ की शुरुआत की है. इसके तहत दिल्ली के बंगला साहिब के सेवादार गाड़ियों में लंगर लेकर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में खाना बांटने जाते थे. इसके अलावा दिल्ली के सभी गुरुद्वारों में रोज़ाना लाखों लोगों भोजन खिलाया गया और आज भी ये सेवा जारी है.
8. अम्मा कैंटीन

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने 2016 में अम्मा कैंटीन की शुरुआत की थी. इस कैंटीन में ग़रीब लोगों को बहुत ही सस्ते में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. यहां पांच रुपये में भरपेट भोजन किया जा सकता है.
9. कर्नाटक की मोबाइल कैंटीन

2018 में कर्नाटक सरकार ने 30 ज़िलों में ज़रूरतमंदों को भोजन खिलाने के लिए साविरुचि मोबाइल कैंटीन की शुरुआत की थी. इसके तहत सस्ते दाम पर ग़रीबों को खाना खिलाया जा रहा है.
10. इंदिरा कैंटीन

साल 2017 में कर्नाटक सरकार ने राज्य में इंदिरा कैंटीन की शुरूआत की थी. इसके तहत ग़रीब लोगों को 5-10 रुपये में भरपेट भोजन खिलाया जा रहा था. ऐसी लगभग 100 कैंटीन खोली गई थीं.
नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में लगे इन लोगों को हमारा सलाम.