इंडियन आर्मी की गिनती विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना में की जाती है. इसे सक्रीय बनाए रखने के लिए बहुत से साजो-सामान की आवश्यकता होती है. भारतीय सेना इसके लिए विदेशों से हथियार और वाहन ख़रीदती है. आधुनिक तक़नीक से लैस ये वाहन भारतीय सेना को उसके कई ख़तरनाक ऑपरेशन्स को अंज़ाम तक पहुंचाने में मदद करते हैं. हालांकि, अब भारत दूसरे देशों के साथ मिलकर बहुत से वाहन अपने यहां डिज़ाइन करने लगा है.
आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ वाहनों के बारे में जो रणक्षेत्र में भारतीय सेना इस्तेमाल करती है.
1. अर्जुन MBT
इसे Combat Vehicles Research And Development Establishment (CRVDE) ने डिज़ाइन किया है. ये भारत का मुख्य युद्धक टैंक है.
2. BMP-2 सारथ
इसकी खोज सोवियत संघ ने की थी. भारत में इसे मेडक की ऑर्डिनेंस फ़ैक्टरी में बनाया जाता है. भारतीय सेना में करीब 900 BMP-2 तैनात हैं.
3. BTR-50
ये एक ऐसा बख्तरबंद वाहन है जिसे पैदल सैनिकों को युद्ध क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे भी सोवियत संघ ने बनाया था.
4. T-90S भीष्म और T-90M
ये टैंक 125 125mm 2A46 Smoothbore टैंक गन से लैस होते हैं. इन्हें रूस से मंगाया गया है. इनकी ऑपरेशनल रेंज 700 किलोमीटर तक होती है.
5. T-72 अजेय
इस टैंक को सोवियत संघ से लाया गया था. ये DRDO Explosive Reactive Armour से लैस है. इसे तमिलनाडू के एक कारखाने में बनाया जाता है.
6. NAMICA
ये नाग मिसाइल कैरियर है. ये टैंक को नष्ट करने में सक्षम है. ये अपने साथ 12 मिसाइलों को लेकर जा सकता है, जिनमें से 8 को तुरंत फ़ायर किया जा सकता है. इसे भारत में ही बनाया गया है.
7. DRDO Armoured Ambulance
DRDO ने इसे बनाया है. इसमें घायल सैनिकों को तत्काल प्राथमिक उपचार मुहैया कराया जाता है. इसमें चिकित्सा से जुड़ी सभी सविधाएं मौजूद हैं.
8. Hydrema
लैंडमाइन्स को हटाने के लिए इस व्हीकल का प्रयोग किया जाता है. डेनमार्क में बने इस वाहन से 3.5 मीटर चौड़ी सुरंग आसानी से हटाई जा सकती है.
9. आदित्य MVP
DRDO ने इसे बनाया है. इसे आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन में लगे सैनिकों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है.
10. NBC Reconnaissance Vehicle
DRDO और VRDE ने मिलकर इसका निर्माण किया है. ये न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल विकारों का पता लगाने में सक्षम है. इसकी खोज जापान में हुई थी.
11. PRP-3
ज़मीन पर लड़े जाने वाले युद्ध के लिए ये बेस्ट हैं. इनका प्रयोग सैन्य सर्वेक्षण के लिए भी किया जाता है. सोवियत संघ ने इन्हें खोजा था.
12. Casspir
ये एक लैंडमाइन निरोधी वाहन है. इसका प्रयोग जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है. दक्षिण अफ़्रीका से इन्हें मंगाया गया है.
13. Tarmour AFV
इन्हें भारतीय सेना ने पुराने T55 टैंक को मोडिफ़ाई कर के बनाया है. इनमें लैंडमाइन्स को ख़त्म करने के लिए रोलर लगे होते हैं.
14. DRDO दक्ष
ये एक रोबोट है, जो बैटरी से चलता है. इसकी मदद से सेना बम खोज कर उन्हें डिफ़्यूज करती है.
15. CMT
इस Carrier Mortar Tracked को भारत में डिज़ाइन किया गया है. जल और थल दोनों में काम करने वाला ये कैरियर अपने साथ 108 मोर्टार के राउंड कैरी कर सकता है.
16. TOPAS 2-A
पहले इसका प्रयोग जल और थल दोनों जगहों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए किया जाता था. लेकिन अब ये एक टेक्निकल सपोर्ट वाहन बन गया है. इसे चेकोस्लाविया और पोलैंड ने मिलकर बनाया है.
17. Bridge Laying Tank MT-55
इस टैंक का उपयोग सेना पुल का निर्माण करने के लिए करती है. इसे सोवियत संघ से लाया गया है.
18.सर्वत्र
DRDO द्वारा बनाया गया ये वाहन पुल बनाने मे सक्षम है. इसे आप चलता-फिरता पुल भी कह सकते हैं. ये एक बार में 75 मीटर लंबा पुल बना सकता है.
19. FV180 Combat Engineer Tractor
युद्ध के मैदान में इसका इस्तेमाल पुल बनाने और ख़राब वाहनों को उठाने के लिए किया जाता है. इसे यूके से मंगाया गया है.
20. WZT-2
ये एक रिकवरी वाहन है. इसका इस्तेमाल ख़राब टैंक की मरम्मत करने के लिए किया जाता है.
भारतीय सेना की ताकत इन वाहनों से बढ़ती है. ये हमारी सेना की शान हैं.
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