युद्ध की परिस्थितियां किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती. न ही उस सैनिक के लिए जो सरहद पर गोलियां बरसा रहा होता है और न ही उस आदमी के लिए, जो उन गोलियों का शिकार होता है. Walter S. Zapotoczny Jr ने अपनी किताब Beyond Duty: The Reasons Some Soldiers Commit Atrocities में युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा किये गये अत्याचारों की सच्चाई बंया की है. 6 Military Groups के व्यवहार पर रिसर्च करने के बाद, Walter ने अपनी किताब Beyond Duty में उन 5 तथ्यों का ज़िक्र किया है, जिनमें ये बताया गया है कि आख़िर युद्ध के दौरान सैनिक नागरिकों के साथ हिंसात्मक व्यवहार क्यों करते हैं. इस किताब में लिखी गयी बातों और महिलाओं पर हुए शोषण की हकीकत जानने के बाद, शायद सैनिकों के प्रति आपको घृणा-घृणा और सिर्फ़ घृणा ही महसूस हो.

Walter ने अपनी किताब में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जापानी और रूसी सैनिकों के उग्रवादी रूप की सच्चाई का ख़ुलासा किया है. युद्ध के वक़्त सैनिकों ने महिलाओं के साथ जैसा व्यहार किया था, वैसा बर्ताव तो कोई जानवर के साथ भी करने की नहीं सोच सकता. जापानी सैनिकों ने चीनी लोगों पर बेंइतहा ज़ुल्म किया था. कई इतिहासकारों के मुताबिक, युद्ध के समय सैनिक निर्दोष लोगों के साथ क्रूरता से पेश आए थे. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसकी पुष्टि भी की गई.

इस दौरान लगभग 80 हज़ार महिलाओं का रेप किया गया था. इतना ही नहीं, जापानी सैनिकों ने चीनी लोगों का मांस पकाकर भी खाया. कहा तो ये भी जाता है कि युद्ध के समय सैनिकों ने बिस्तर पर पड़ी 60 साल की महिला के गुप्त अंग में आलू डालकर उसे प्रताड़ित किया था. उस वक़्त महिलाओं ने कितना दर्द सहा था, शायद इसे शब्दों में बंया कर पाना बेहद मुश्किल है.

बर्लिन में रूसी सैनिकों ने नानजिंग नरसंहार के दौरान महिलाओं के साथ क्रूरता की सारी हदें पार दी थी. आपको दिखातें हैं उस समय की कुछ ऐसी ही तस्वीरें, जिन्हें देखने के बाद आपका मानवता पर से विश्वास उठ जाएगा.

तस्वीरें बताती हैं कि युद्ध के दौरान जापानी सैनिकों ने चीनी महिलाओं का बलात्कार किया था.

ये खौफ़नाक तस्वीर इराक के Abu Ghraib जेल में कैदियों के साथ दुर्व्यवहार को बंया कर रही हैं.

सन 1937 में चीन के नानकींग शहर में युद्ध के दौरान महिला के साथ किया गया रेप.

16 March 1968 में युद्ध के दौरान अपनी और अपने बच्चे की जान बचाने के लिए बिलख़ती पीड़ित महिला.

Walter ने अपनी पुस्तक में ये बताया है कि कैसे युद्ध के दौरान रक्षक कह जाने वाले सैनिक, महिलाओं के साथ भक्षक की तरह पेश आते हैं.

Walter कहते हैं ‘किताब को लिखने के मकसद सिर्फ़ ये बताना था कि ‘युद्ध का इतिहास क्रूरता के खातों से भरा है. किसी भी इंसान के साथ ऐसा व्यवहार निंदनीय है.’

जापानी सैनिक चीन के नैनकींग में चीनी सैनिक का सिर काटने की तैयारी में.

ये तस्वीर 1945 की है, जिसमें रूसी सैनिक जर्मन महिला को बुरी तरह घूर रहे हैं.

इराक युद्ध के दौरान की ये तस्वीर देख कर आप समझ ही गए होंगे, किस तरह लोगों पर अत्याचार किया गया था.

Abu Ghraib जेल में कैदी की मौत के बाद पोज़ देती महिला.

द्वितीय विश्व युद्ध की ये तस्वीरें देखने के बाद, मन में एक ही सवाल आ रहा है कि आख़िर सैनिकों ने मासूम और निर्दोष लोगों के साथ इतनी क्रूरता क्यों दिखाई. फिलहाल अगर आप भी यही जानने की कोशिश कर रहें, तो इसके लिए आपको Walter द्वारा लिखी किताब Beyond Duty: The Reasons Some Soldiers Commit Atrocities पढ़नी पढ़ेगी.