स्वच्छता एक अहम मुद्दा है. आज के समय में हर देश अपनी स्वच्छता को लेकर चिंतित हैं. और जब बात भारत की हो, तो स्वच्छता का मुद्दा और गंभीर हो जाता है.
एक तरफ़ है, एक देश है जो अपने लिए बाहर से Waste मंगवाता है. वहीं दूसरी तरफ़ है भारत, जहां आज भी लोग बेझिझक कहीं भी कूड़ा फेंक देते हैं. प्लास्टिक की बोतलें, Wrappers आदि को एक बार भी सोचे बिना कहीं भी डाल देते हैं.
देश के प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत झाड़ू भी उठा ली, पर देश में गंदगी की समस्या जस की तस है. गंगा सफ़ाई अभियान से लेकर Waste Management तक देश में कई मुहिम चलाई जा रही हैं. कुछ काम कर रही हैं, तो कुछ में सिर्फ़ पैसे लगाये जा रहे हैं. ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही है.
प्लास्टिक Waste से कई बीमारियां होती हैं. अगर इसे कूड़े में न फेंक कर Recycle किया जाए, तो हम काफ़ी बीमारियों से बच सकते हैं. समस्या पहले से ही विराट रूप धारण कर चुकी है और इससे पहले ये अतिविराट रूप ले ले, हमें ख़ुद जागरूक होना पड़ेगा.
कुछ लोगों ने अपने दम पर देश की सफ़ाई का ज़िम्मा भी उठाया है. वर्सोवा बीच की सफ़ाई का ज़िम्मा उठाया था अफ़्रोज़ शाह ने. उनके नक़्श-ए-कदम पर चलकर कई लोगों ने मुंबई के समुद्री किनारों की सफ़ाई की ज़िम्मेदारी ली.
मुंबई के कॉलेजों में Cultural Fest के दौरान PR Activities होती हैं. Activities करवाई जाती हैं और कॉलेज एक-दूसरे को Points देते हैं. इन Points के ज़रिये कोई भी कॉलेज Best College का ख़िताब जीत सकता है. इस बार Activities में छात्रों को Beaches की सफ़ाई का Task दिया गया. Group Activities भी हो गयीं और समुद्री किनारों की सफ़ाई भी.
लोगों की जागरूकता के कारण, गन्दगी की समस्या से भारत के कुछ शहर निजात पा चुके हैं. इस श्रृंखला में पहला नाम आता है, इंदौर का. इंदौर भारत का सबसे साफ़ शहर बन गया है. यहां लोग ख़ुद सड़क पर दिन में 3 बार झाड़ू लगाते हैं. यहां सड़कों पर एक भी चिप्स का पैकेट नहीं मिलेगा और न ही आवारा जानवर मिलेंगे.
सफ़ाई के मामले में हरियाणा का शहर अंबाला भी पीछे नहीं है. यहां के 90% लोग अपने घर में दो डस्टबिन रखते हैं, एक सूखे कूड़े के लिए और एक गीले कूड़े के लिए. यहां के लोग जहां-तहां अपना कूड़ा नहीं डालते, सिर्फ़ कूड़े वाली गाड़ी में ही फेंकते हैं. लोगों के इस सराहनीय कदम की वजह से आज अंबाला देश के सबसे साफ़ शहरों में से एक है.
जहां एक तरफ़ इंदौर और अंबाला जैसे शहर हैं, वहीं कोलकाता, दिल्ली, मुंबई जैसे मेट्रो शहर भी हैं, जो अभी भी सफ़ाई के मामले में काफ़ी पीछे हैं. दिल्ली में जहां आपको जगह-जगह कूड़े के ढेर मिलेंगे वहीं मुंबई की लोकल ट्रेन की पटरियां भी बहुत ज़्यादा गंदी हैं.
दुनिया के कुछ देशों ने Creative Ideas से अस्वच्छता की समस्या से निजात पा लिया है. अगर हम भी अपने देश को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना चाहते हैं, तो दुनिया के इन देशों से सबक ले सकते हैं.
1. Sweden
क्या आप ऐसे देश के बारे में सोच सकते हैं, जो कूड़ा बाहर से मंगाता हो? नहीं न? Sweden ऐसा ही करता है. यहां हर 300 मीटर पर एक Recycle Waste कैंप है. यहां के लोग दवाई की बोतलों को कूड़े में नहीं फेंकते, दुकान पर या किसी Pharmacist को दे देते हैं. अगर हम ऐसा कुछ करते हैं, तो हमारे देश की Medical Waste की समस्या भी कम हो सकती है.
2. France
France में सुपर मार्केट्स खाना नहीं फेंक सकते. यहां बचे हुए खाने को ग़रीबों को या फिर जानवरों को खिलाना अनिवार्य है. अगर खाने की चीज़ें Expired हो जाती हैं, तो इसके लिए जुर्माना भरना पड़ता है. यानि एक साथ तीन काम, ग़रीबों का पेट भर जाता है, खाना भी बर्बाद नहीं होता और Waste भी Manage हो जाता है.
3. Indonesia
Indonesia में बहुत कम लोगों के पास Health Insurance था. Tourists का Favorite Destination होने के कारण यहां गंदगी भी उतनी ही होती थी. यहां की सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की, जिसके अंतर्गत उन्होंने कूड़ा Recycle करने के बदले मेडिकल Insurance देना शुरू किया. ये अभियान यहां काफ़ी हद तक सफ़ल भी हुआ.
4. Columbia
Columbia एकमात्र ऐसा देश होगा, जहां कूड़ा देने पर गिफ़्ट वाउचर मिलता है. मशीन में कूड़ा डालो और वाउचर पा लो.
कुछ ऐसा ही दिल्ली के कनॉट पैलेस में भी शुरू होने वाला है. प्लास्टिक के पैकेट और बोतल को Recycle करने के लिए मशीन लगाई जायेंगी. इसमें Waste डालने पर कैशबैक मिलेगा जिसे ई-शॉपिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.
क्यों हैं न ये तरीके बेस्ट अगर आपके पास भी Waste Manage करने के ऐसे ही गज़ब तरीके हैं, तो हमें Comment के ज़रिये ज़रूर बताएं.