2018 को आये 2 दिन हो गए हैं, लेकिन Expectations का क्या? हमेशा होती हैं. पता है कि नहीं होनी चाहिए, फिर भी होती हैं. उसके बाद उम्मीदें पूरी नहीं होती और हम दुखी भी हो जाते हैं. लेकिन इसका ये मतलब थोड़ी न है कि Expect करना ही छोड़ दें, हैं तो इंसान ही. हमारी तो आदत में ही ग़लती को दोहराना शुमार है. वैसे भी उम्मीदों पर दुनिया क़ायम है.
हमने अपने सहकर्मियों से पूछा कि उनकी क्या उम्मीदें हैं 2018 से. जवाब कुछ यूं हैं-
1.
2.
3.
4.
5.
ADVERTISEMENT
6.
7.
8.
9.
ADVERTISEMENT
10.
11.
12.
13.
ADVERTISEMENT
14.
15.
16.
17.
ADVERTISEMENT
जनाब/मोहतरमा आपकी भी 2018 से होंगी कुछ उम्मीदें. हमें Comment Box में बताएं. और कुछ नहीं तो हम आपकी उम्मीदें पूरी होने की दुआ करेंगे.