आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इंसान के लिए आराम बेहद ज़रूरी हो गया है. लगातार काम करने से नौकरीपेशा लोगों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. ऑफ़िस में लगातार 8 से 9 घंटे काम करने के बाद थके हारे घर पहुंचना, समय से खाना न खाना, देर रात तक जगे रहना, अधिकतर बाहर का खाना खाना और धूम्रपान व एल्कोहल का इस्तेमाल करना. आजकल इंसान की यही दिनचर्या हो गयी है. यही कारण है कि कई नौकरीपेशा लोगों को कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. ये समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है. हम ऑफ़िस में अपने काम के लिए इतने गंभीर हो जाते हैं कि अपनी सेहत पर बिलकुल भी ध्यान नहीं देते हैं.

आईये जानते हैं वो कौन-कौन सी ऐसी आदतें हैं, जो नौकरीपेशा लोगों को ऑफ़िस में काम के दौरान नहीं नहीं करनी चाहिए-

1. कम्प्यूटर के आगे लगातार बैठे रहना

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ऑफ़िस के 8 से 9 घंटे की शिफ़्ट के दौरान हम मुश्किल से ही अपनी सीट से हिलते होंगे. लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन को देखने से आंखों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इससे माइग्रेन और साइनस जैसी गंभीर बीमारियां होने का ख़तरा बना रहता है. कंप्यूटर पर लगातार काम करने से आंखों में ‘Dry Eye Syndrome’ जैसी बीमारी हो सकती है. इसलिए 8 घंटे की शिफ़्ट के दौरान 45 से 50 मिनट का ब्रेक लेना बेहद ज़रूरी है. इससे बचने के लिए कंप्यूटर फ़ॉन्ट साइज़ बड़ा करके रखें. डॉक्टर की सलाह से ड्राप या फिर चश्मे का प्रयोग करें.

2. ग़लत पॉश्चर में लगातार कुर्सी पर बैठना

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ऑफ़िस में काम करने के लिए हम लोगों को कई घंटों तक लगातार कुर्सी पर ही बैठना पड़ता है. भले ही ऑफ़िस की कुर्सियां जितनी आरामदायक होती हैं, उतनी ही शरीर के लिए हानिकारक भी होती है. और अगर आप कुर्सी पर ग़लत तरीके, जैसे झुककर बैठना, एकदम स्ट्रेट बैठना आदि. कुर्सी पर ग़लत तरह से बैठने से रहने से कई तरह की शरीरिक परेशानियां होती हैं. जिससे कमर, पैर, सिर और गर्दन दर्द को सबसे ज़्यादा नुकसान होता है.

3. काम के दबाव में ब्रेकफ़ास्ट और लंच देरी से करना

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अकसर हम काम में इतने खा जाते हैं कि सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना तक भूल जाते हैं. जब टाइम मिलता है, तो ब्रेकफ़ास्ट लांच टाइम पर होता है जबकि लंच शाम के 4 बजे. ऐसा करने से हम अपने शरीर को बीमारियों का घर बना रहे हैं. अगर अच्छी सेहत और लम्बी उम्र तक जीना चाहते हैं, तो ब्रेकफ़ास्ट, लंच और डिनर समय पर खाना होगा.

4. काम करने के घंटों पर ध्यान न देना

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जानकारों के मुताबिक़ हफ़्ते में 40 घंटे से ज़्यादा काम करना सेहत के लिए हानिकारक होता है. लेकिन भारत में शायद ही कोई ऐसा ऑफ़िस होगा, जहां हफ़्ते में सिर्फ़ 40 घंटे ही काम करना पड़ता होगा. भारत में 5 डे वर्किंग वाले ऑफ़िस में साढ़े आठ से नौ घंटे की शिफ़्ट, जबकि 6 डे वर्किंग वाले ऑफ़िस में आठ से साढ़े आठ घंटे की शिफ़्ट होती है. इस हिसाब से 40 घंटे वाला हिसाब-क़िताब भारत में तो पॉसिबल नहीं है. ऑफ़िस में कार्य करने के घंटों को लेकर भारत सरकार ने भी ऐसी कोई गाइडलाइन्स नहीं बनाई है.

5. सेहत को दरकिनार कर बस काम करते रहना

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सप्ताह में ज़्यादा काम करने से नौकरीपेशा लोगों को मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ता है. कई लोग काम को लेकर कुछ ज़्यादा ही टेंशन ले लेते हैं और वो तनाव का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में तनाव को कम करने के लिए लोग एल्कोहल का इस्तेमाल करने लगते हैं. आंकड़े कहते हैं कि 13 से 12 प्रतिशत शराब तो सप्ताह में 55 घंटे से अधिक काम करने वाले लोग ही पी जाते हैं. जबकि कभी कभार काम अधिक होने के कारण कुछ लोगों को पूरे हफ़्ते भर काम करना पड़ता है. नींद पूरी न होने और थकान के चलते लोगों को तनाव जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. इसलिए ज़रूरी है कि समय से अपना काम निपटा लें, ताकि शरीर को आराम मिल सके.

6. समय से ऑफ़िस आना और देर तक काम

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कई लोग ऑफ़िस तो समय से पहुंच जाते हैं लेकिन काम के चक्कर में घर जाना ही भूल जाते हैं. ऑफ़िस में लगातार काम करने से बचना है, तो समय से ऑफ़िस पहुंचकर अपना काम ख़त्म होगा. ताकि घर जाकर आराम करने का मौक़ा मिल सके और शरीर को आराम मिल सके.

7. पेट के कैंसर व दिल की बीमारी का ख़तरा

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ऑफ़िस में ज़्यादा देर तक बैठने से पेट में कई तरह की गंभीर बीमारी होने की संभावना रहती है. वहीं विशेषज्ञों का भी मानना है कि घंटों तक बैठने से कोलन कैंसर होने का ख़तरा बढ़ जाता है. जबकि अमेरिकन जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलॉजी के मुताबिक़, 10 से अधिक वर्षों तक डेस्क पर काम करने से कोलन कैंसर होने का ख़तरा 44 फ़ीसदी बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए हर एक घंटे के बाद सीट से उठकर चलने की कोशिश करें.

8. 10 से 11 घंटे लगातार काम करने से हो सकता है हार्ट अटैक

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कई विशेषज्ञों का मानना है कि 10 से 11 घंटे लगातार काम करने से दिल की बीमारी होने का ख़तरा लगभग 67 प्रतिशत बढ़ जाता है. इसलिए लगातार काम करना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है. इसलिए ये ज़रुरी है कि ऐसे ऑफ़िस का चुनाव करें, जहां कार्य करने के घंटे आठ से साढ़े आठ घंटे हों.

Wealth is loss Nothing is loss But Health is loss Every thing is loss.