कुछ दिनों पहले हमने आपको बताया था कि असलियत में डूबना कैसा होता है या डूबते व्यक्ति को कैसे पहचाना जा सकता है. वैसा तो बिल्कुल नहीं होता जैसा फ़िल्मों में दिखाते हैं.

हमें कई बार सोते हुए ऐसा लगता है कि हम ऊंचाई से गिर रहे हैं. हम अपने शरीर के वज़न को भी महसूस नहीं कर पाते, लेकिन ज़मीन पर आने से पहले ही हमारी नींद खुल जाती है.

किसी ऊंची जगह से गिरने वाला सपना सभी ने देखा ही होगा. डर तो लगता है, अगर गिर गए तो कितनी चोट आएगी. पर ये ख़्याल भी आता है कि असल ज़िन्दगी में जब कोई ऊंचाई से गिरता है तो क्या होता है?

गिरकर मरना, मरने के दर्दनाक तरीकों में से एक है. गिरने की ऊंचाई तय करती है कि कोई व्यक्ति कितने दर्द के साथ मृत्यु को गले लगाएगा. गिरने के दौरान, ज़मीन छूने से पहले के कुछ पल बहुत डरावने होते हैं.

आज जान लो ऊंचाई से गिरने से जुड़े कुछ तथ्य-

1. गिरना दर्दनाक नहीं होता, गिरने के दौरान किसी वजह से रुकना ज़्यादा दर्दनाक होता है.

आसमान से नीचे गिरने पर, तेज़ हवाओं के थपेड़े सिर और हाथ-पैर पर लगते हैं. ये अलग एहसास होता है तब तक, जब तक गिरने वाला ज़मीन या किसी पहाड़ से न टकरा जाये.

अंतरिक्ष से ज़मीन पर आने के दौरान तो कुछ भी महसूस नहीं होता.

2. पानी में गिरना उतना ही बुरा है जितना ज़मीन पर गिरना

बहुत से लोग सोचते हैं कि पानी में गिरने से कम चोट आती है, ये एक मिथक है. असल में पानी में गिरना कॉन्क्रीट पर गिरने से ज़्यादा ख़तरनाक हो सकता है.

3. नशे में धुत्त व्यक्ति के गिरने के बाद बचने के आसार ज़्यादा होते हैं.

शोध के अनुसार, नशे में धुत्त व्यक्ति के गिरकर बचने के ज़्यादा आसार होते हैं. इसके पीछे की असल वजह पर वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं.

ऐसा कहा जाता है कि नशे में व्यक्ति ज़्यादा Relaxed महसूस करता है. एक नॉर्मल व्यक्ति अपने साथ Stress और Tension भी लेकर चलता है इसलिये ज़्यादा दर्द महसूस करता है. इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है.

4. फट सकती है Aorta(शरीर की सबसे बड़ी Artery)

ऊंचाई से गिरने पर हमारे शरीर की सबसे बड़ी Artery फट सकती है. Aorta, Heart से पूरे शरीर को खून सप्लाई करती है.

5. खून के हर तरफ़ हो भी सकते हैं और नहीं भी

गिरने के बाद किसी व्यक्ति का खून और मांस हर तरफ़ फैल जाता है. लेकिन कई बार ऐसा नहीं भी होता. कई बार, गिरने से मौत होने के बाद किसी भी तरह की External Injury नहीं दिखती और Internal Bleeding और Injury से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है.

6.ज़मीन पर किसी भी व्यक्ति का वज़न ज़्यादा होता है

अगर बिना पैराशूट के कोई व्यक्ति हवाईजहाज़ से कूदता है तो ज़मीन से टकराने से ठीक पहले उसका वज़न सामान्य से 7500 गुना ज़्यादा होगा. उस पल में किसी व्यक्ति के दिमाग़ का ही वज़न ही 10 टन के बराबर होता है.

7. फूट सकती है खोपड़ी

ऊंचाई से गिरने पर किसी की खोपड़ी कहां-कहां से फूटेगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि कोई कैसे गिरता है. ऐसा भी हो सकता है कि दिमाग़ के टुकड़े हर तरफ़ फैल जायें. बाइक चलाने के दौरान हेल्मेट लगाने को इसी कारण बोला जाता है, ताकि दुर्घटना होने के बावजूद दिमाग़ सुरक्षित रहे. लेकिन बिल्डिंग से कूदने पर हेल्मेट दिमाग़ को बचायेगा, इसकी गैरेंटी नहीं है.

8. Internal Bleeding

Blood Vessels टूटने से बहुत ज़्यादा Internal Bleeding हो सकती है, जो कुछ ही मिनटों में किसी की जान ले सकती है. ऊंचाई से गिरने पर शरीर के लगभग हर हिस्से से खून का बहाव हो सकता है.

9. फट जाते हैं Blood Vessels

ऊंचाई से गिरने पर कोई व्यक्ति तेज़ी से Decelerate करता है, जिस कारण Body Cells और Blood Vessels फट जाते हैं. इस वजह से शरीर में Oxygen का Circulation नहीं हो पाता.

10. सोच से ज़्यादा तेज़ी से गिरता है एक व्यक्ति.

इंसान के दिमाग़ से 1 मीटर प्रति सेकेंड की रफ़्तार से Signals (जिससे दिमाग़ को पता चले की हो क्या रहा है और किसी भी स्थिति से कैसे निपटना है) पूरे शरीर में ट्रैवल करते हैं. लेकिन गिरना इतनी तेज़ी से होता है कि दिमाग़ के समझने से पहले ही बंदा ज़मीन पर पहुंच चुका होता है.

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Source- Ranker, Quora