नींद किसे अच्छी नहीं लगती और सोते समय सुहाने सपने देखना भी हर किसी को अच्छा लगता है. ये तो सभी ने सुना होगा कि सुबह का देखा गया सपना हमेशा सच होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि सोते वक़्त आपके साथ क्या होता है? अब आप सोच रहे होंगे कि सोते वक़्त बॉडी के साथ क्या हो सकता है. ख़ुद ही देख लीजिये:
1- हार्मोन की वृद्धि होती है
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HGH हार्मोन, मानव विकास हार्मोन के रुप में भी जाना जाता है. ये हड्डियों, मसल्स और टिश्यू के पुनर्जन्म देने के लिए ज़िम्मेदार होता है.सोते वक़्त ये हमारे शरीर में सक्रिय होता है. ये घावों व नई सेल के उपचार में योगदान देता है. ये हार्मोन विकास को बढ़ावा देता है. इसी वज़ह से ये कह सकते हैं कि जब हम सोते हैं, तो शरीर की लम्बाई बढ़ती है.
2- गला संकुचित होता है
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सोते वक़्त गला बड़ा हो जाता है, क्यों चौंक गए न आप ये जानकर! सोते टाइम मांसपेशियां आपके गले को खोलती हैं, इस कारण गला बड़ा हो जाता है और जागते ही गले का साइज़ छोटा हो जाता है. गहरी नींद में खर्राटे लेने के कारण ऐसा होता है.
3- मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं
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जब कोई भी व्य़क्ति Rapid Eye Movement में प्रवेश करता है, यानि इस मूवमेंट में इंसान गहरी नींद में चला है, उस वक़्त इसांन की मांसपेशियां पूरी तरह से Paralyzed हो जाती हैं, मतलब कि बॉडी इधर से उधर मूव नहीं कर सकती. एक तरह से ये Sleeping Disorder होता है. जागने के कुछ सेकंड या मिनट के बाद तक ये Disorder रहता है. जिन लोगों को अधिक गुस्सा आता है, उनमें ये प्रॉब्लम ज़्यादा पाई जाती है.
4- आंखे पूरी गति से आगे बढ़ती है
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नींद के सभी चरण शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने का काम करते हैं. नींद के पांच चरण होते हैं, नया चरण पिछले चरण से अधिक गहरा होता है. पांच चरणों से गुजरने के बाद फिर से एक चक्र शुरू होता है. सबसे आखिरी और महत्वपूर्ण चरण REM होता है. यह चरण सबसे ज़्यादा सक्रिय होता है. ये चक्र सोने के 60 और 90 मिनट के बाद शुरू होता है. इस चरण में आंखे सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ती हैं और आपको पता भी नहीं चलता क्योंकि उस वक़्त आपका मन आपके उस सपने पर केंद्रति होता है जो आप देख रहे होते हैं.
5- दांत पीसना और कटकटाना
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कुछ लोग सोते वक्त़ दांत पीसते हैं. इस घटना को Bruxism कहते हैं. ये प्रॉब्लम सिर्फ़ कुछ लोगों को ही होती है. ये मनोवैज्ञानिक वजह से भी हो सकता है. कई लोग टेंशन के चलते भी ऐसा करते हैं.रिसर्च में अभी ये साफ़ नहीं हो पाया है कि क्यों कुछ लोगों को ऐसा होता है.
6- सहज यौन उत्तेजना का अनुभव करते हैं
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पुरुष हो या महिला, दोनों को सोते वक़्त यौन उत्तेजना का अनुभव होता है. ये गहरी नींद में सोते वक़्त, ब्रेन की तेज़ एक्टिविटी की वज़ह से होता है. इसका मतलब है कि आपके मस्तिष्क को ऑक्सीज़न की ज़रूरत है, लिहाज़ा शरीर में रक्त प्रवाह तेज़ हो जाता है. बाद में यौन हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं.
7- अचानक विस्फोटक की आवाज़ सुन सकते हैं
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विस्फ़ोट सिर सिंड्रोम एक ऐसी घटना है, जो काफ़ी कम लोगों में देखने को मिलती है. सिंड्रोम से पीड़ित लोग, हमेशा भय में रहते हैं, उन्हें सोते-जागते हमेशा धमाके की आवाज़-सी सुनाई देती है, जबकि वास्तविकता में बाहर की दुनिया में ऐसा कुछ नहीं हो रहा होता है.ऐसे लोगों को बंदूक, गोली की आवाज़ सुनाई देती रहती है. इससे कोई शारीरिक दर्द नहीं होता, लेकिन मानसिक प्रभाव जरूर पड़ता है.
8- मस्तिष्क संचित जानकारी जारी कर बनाता है कहानियां
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आज भी बड़े-बुज़ुर्ग कहते हैं कि सुबह के देखे गए सपने सच होते हैं. हालांकि हम सपने क्यों देखते हैं, सपने कैसे आते हैं, वैज्ञानिकों के लिए ये आज भी रहस्य बना हुआ है. सपनों के बारे में हमें अब तक यही मालूम कर पाए हैं कि जो घटना हमारे साथ दिन में घटती है, वो यादों के रूप में जमा होकर रात में सपनों का गठन करती हैं. सपनों में यात्रा करना, रंगों या किसी दृश्य का देखना, ये सब एक ऐसी पहेली बना हुआ है, जो अब तक हल नहीं हो पाई है.
9- मस्तिष्क बेकार की चीज़ों को विसर्जित कर पुनर्स्थापित करता है
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Rochester University के शोधकर्ताओं ने पाया कि सोते समय आपका मस्तिष्क बेकार की जमा चीज़ों को बाहर निकाल सिर्फ़ काम की चीज़ों को स्टोर करते है. सोते समय तंत्र सक्रिय होता है, जिसे ग्लिफ़ेटिक सिस्टम कहते हैं, जब ये चालू होता है, तो ये आपके मस्तिष्क को बेकार की जानकारी निकालने और ज़रूरी चीज़ों को जमा करने की अनुमति देता है और उनके कनेक्शन नवीनीकृत करता है.
Source: brightside