दिलचस्प बात ये है कि हमारे देश में बहुत से क़ानून बनते हैं पर पालन रेज़ा-रेज़ा ही होता है. चलो अपने से ही बात को शुरू कर लेते हैं. आज ऑफिस आया बाईक पे, तो रेड लाइट क्रॉस कर दी. हैल्मेट से तो नफरत ही है हमें. अपनी बात ना जाने क्यों “सबकी” लगती है. भारत में सड़क-संबंधी सुरक्षा के मसलों पर बात होनी बहुत ज़रूरी है. चलो कर ही लेते हैं इस मामलात पर बातचीत.
ड्राइविंग करते वक्त आपने सड़क की ओर कई दफ़े सफ़ेद, तो कई बार पीले रंग की लाइन्स देखी होंगी? इसके अलावा कई बार बीच-बीच में से टूटी, तो कई सड़कों पर गाढ़े रंग की लाइन्स देखी जा सकती हैं. दरअसल ये सब ऐसे ही नहीं बना देते, बल्कि इसके पीछे कुछ मकसद होते हैं, मतलब कि इन लाइन्स से जुड़े कुछ नियम होते हैं.
Solid White Line
ये लाइन इस बात का निर्देश देती है कि गाड़ी एक ही लेन में चलेगी, यानि जिस लेन में हो उस लेन में ही चलो.
Broken White Line
सड़क के बीचों-बीच एक निश्चित दूरी पर बनी सफ़ेद लाइन्स इस बात का निर्देश देती हैं कि यहां लेन बदली जा सकती है.
One Solid Yellow Line
इस रेखा के तहत Passing और Overtaking की जा सकती है, पर आपको बिना पीली रेखा को पार किए Overtaking करना होता है. इसके साथ-साथ भारत के अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर अलग-अलग नियम बने हुए हैं.
Double Solid Yellow Lines
Broken Yellow Line
इस लाइन के तहत पासिंग की जा सकती है.
Solid Yellow Line With Broken Yellow Line
अगर आप टूटी हुई रेखा की ओर से ड्राइविंग कर रहे हैं तो आप आसानी से ओवरटेक कर सकते हैं, लेकिन गर आप दूसरी तरफ़ से गाड़ी चला रहे हैं तो ओवरटेक नहीं कर सकते.
गर आप अब ज़रा इन बातों को ध्यान में रखते हुए ड्राइविंग करेंगें तो अच्छा-अच्छा सा फ़ील होगा. 100 प्रतिशत गारंटी है हमारी.