Madame Tussauds सिर्फ़ एक संग्रहालय नहीं, बल्कि हर इंसान का सपना है, जिसमें वो ख़ुद का वैक्स स्टैच्यू देखना चाहते हैं. अभी तक अमिताभ बच्चन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाहरुख़ ख़ान, सलमान ख़ान, ऐश्वर्या राय, करीना कपूर के अलावा बहुत से जानी-मानी हस्तियों का स्टैच्यू बन चुका है.

मगर क्या आप जानते हैं, कि ये Madame Tussaud हैं कौन?

Madame Tussaud के नाम से चर्चित Marie Grosholtz का जन्म 1 दिसंबर 1761 को Strasbourg में हुआ था, वो एक फ़्रांसीसी कलाकार थीं. पिता की मौत के बाद इनकी मां ने Dr. Philippe Curtius के यहां काम करना शुरू कर दिया.
Dr. Philippe Curtius से मिली प्रेरणा
Dr. Curtius को Wax Statue बनाने में महारत हासिल थी और उनके स्टैच्यू की मांग मानव अंगों के अध्ययन और स्थानीय चर्च और ऊंचे तबके के लोगों में थी. इसकी बढ़ती मांग के चलते अपने एक दोस्त के कहने पर डॉ॰ कर्टियस ने Wax Statue बनाना शुरू किया. उन्होंने अपनी मूर्तियों को सलोन डे सायर के नाम से प्रदर्शित किया, जिसको लोगों ने बहुत सराहा.

Marie Grosholtz को भी मोम की मूर्तियां बनाने में रुचि थी, इसलिए डॉ॰ कर्टियस ने Marie को मूर्ती बनाना सिखाया. Marie ने अपना सबसे पहला पोट्रेट फ्रेंकोइस मेरे अरोटॅ नाम के अमीर शख़्स का बनाया. इसके अलावा उन्होंने Benjamin Franklin का भी पोट्रेट बनाया था.
लुई सोलहवें की बहन को सिखाने का मौका मिला
Marie Grosholtz को डॉ॰ कर्टियस के फ्रांस के राजमहल से अच्छे सम्बन्ध होने के चलते लुई सोलहवें की बहन को मूर्तिकला सिखाने का मौका मिला. राजघराने से निकटता और लुई सोलहवें के साथ उसके अच्छे संम्बधों की वजह से ही Marie Grosholtz को भी फ़्रांस क्रांति के दौरान गिरफ़्तार कर लिया गया था, लेकिन मोम मूर्तिकला की जानकारी ने उसके प्राणों की रक्षा कर ली थी.

इसके बाद 1794 में डॉ॰ कर्टियस का देहांत हो गया. उन्होंने जाने से पहले अपना सारा काम और संग्रह Marie के नाम कर दिया.
कैसे बनीं Madame Tussaud?

Marie ने 1795 में इंजीनियर Francois Tussaud से शादी की. इसके बाद वो Marie Grosholtz से Madame Tussaud बन गईं. उनके दो बेटे थे. दुर्भाग्यवश उनकी शादी सिर्फ़ आठ साल ही चली. शादी टूटने के बाद Marie अपने एक बेटे के साथ फ़्रांस छोड़कर ब्रिटेन आ गईं. शुरूआती दिनों में Marie ब्रिटेन के अलग-अलग शहरों में अपने काम की प्रदर्शनी करती रहीं.
1835 में बना Madame Tussaud

लंदन की बेकर स्ट्रीट में Madame Tussaud ने अपना पहला स्टुडियो खोला. Chamber Of Horror इस स्टुडियो और संग्रहालय के आकर्षण का केंद्र था. इसमें फ़्रेंच क्रांति के दौरान मारे गए लोगों की मूर्तियों के अलावा अन्य कई नामी-गिरामी अपराधीयों की मूर्तियां बनाई जाती थीं. इसके बाद कुछ कारणों के चलते सन् 1884 में Madame Tussaud Museum बेकर स्ट्रीट से हटाकर मेरिलबोन रोड पर खोला गया, यहां वो आज भी है. Madame Tussaud ने 1842 में अपना स्टैच्यू बनाया था, जो उनके Madame Tussaud Museum में लगा है.
1850 में दुनिया को अलविदा कह दिया

Madame Tussaud ने 1850 में दुनिया को अलविदा कह दिया. अपनी 88 साल की उम्र में हर चुनौती से लड़कर उन्होंने कभी न मिटने वाला नाम कमाया.
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