‘हमारे समय में कृषि के बाद, दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है छल-कपट.’

ये पंक्तियां हैं Sir Alfred Nobel की. अपने आविष्कारों के लिए उन्हें ‘Merchant of Death’ या ‘मौत का सौदागर’ नाम दिया गया था.

इंसान को मारने का सबसे तेज़ तरीका ढूंढ निकाला था Alfred Nobel ने. Alfred का जन्म स्वीडन में 21 अक्टूबर 1833 को हुआ था. Alfred के पिता, Immanuel Nobel भी एक इंजीनियर-आविष्कारक थे. 17 साल की उम्र तक आते-आते Alfred ने Swedish, Russian, French, English और German भाषाएं सीख ली थी. Alfred को अंग्रेज़ी साहित्य में काफ़ी दिलचस्पी थी और उनके पिता उन्हें अपनी तरह इंजीनियर बनाना चाहते थे. Alfred की ज़िन्दगी के नज़रिए को विस्तार देने के लिए उनके पिता ने उन्हें दूसरे देशों में भेजा. 2 साल में Alfred स्वीडन, जर्मनी, फ़्रांस और अमेरिका घूमने गए.

पैरिस में Alfred ने इटली के केमिस्ट Ascanio Sobrero के साथ Nitroglycerin (विस्फोटक तरल पदार्थ) का आविष्कार किया. ये काफ़ी घातक पदार्थ था. Alfred को इस पदार्थ में काफ़ी दिलचस्पी होने लगी. ये इतना घातक था कि एक Experiment के दौरान Alfred के भाई और कई अन्य लोगों की मृत्यु हो गई.

इस घटना के बाद Stockholm में इस पदार्थ पर Experiment करने की पाबंदी लगा दी गई. Alfred, 1864 में Lake Mälaren पहुंचे और Nitroglycerin पर अपने Experiments जारी रखे. Alfred ने इस तरल पदार्थ को Kieselguhr के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर, लोहे के रॉड्स में डाला, उनका Experiment सफ़ल हुआ और दुनिया को मिला ‘Dynamite’. Dynamite को Detonate करने के लिए उन्होंने Detonator का भी आविष्कार किया.

Dynamite और Detonator के आविष्कार ने दुनिया में तहलका मचा दिया. पत्थरों को तोड़ना, सुरंगे खोदना, नहर बनाना और Construction के काम आसान हो गए.

Alfred ने Dynamite और Detonator बनाने वाली कई फ़ैक्ट्रियां खोली और इस तरह इंसान के सर्वनाश का ज़ख़ीरा तैयार कर दिया. अपने आविष्कार से दुनिया को होने वाले नुकसान से बेख़बर Alfred सफ़लता की सीढ़ियां चढ़ते गए.

1888 में Alfred के भाई Ludvig की मृत्यु हो गई और एक फ़्रेंच अख़बार ने अनजाने में Alfred के नाम का ‘शोक संदेश’ छाप दिया. ‘शोक संदेश’ में अख़बार ने Alfred की कड़ी आलोचना की थी. इसी अख़बार ने उन्हें ‘Merchant of Death’ (मौत का सौदागार) नाम दिया. अख़बार ने आगे लिखा, ‘इंसान को मौत के घाट उतारने के तेज़-तर्रार तरीके का आविष्कार करने वाले Dr. Alfred Nobel का कल देहांत हो गया.’

अपनी मृत्यु का शोक संदेश पढ़कर Alfred को काफ़ी दुख हुआ. 27 नवंबर, 1895 को Swedish-Norweigan Club में उन्होंने अपनी आख़री वसियत पर दस्तख़त किए. अपनी जायदाद का 94% हिस्सा देते हुए उन्होंने ‘Nobel Prizes’ देने की बात लिखी.

Dynamite और Detonator के बाद आज दुनिया में बर्बादी के कई हथियार बन गए हैं. Alfred को कहीं न कहीं अपने आविष्कार से भविष्य में होने वाले विध्वंस का अंदाज़ा था लेकिन काफ़ी देर हो चुकी थी.

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