Gazabpost हमेशा अपने पाठकों के लिए उन सवालों का जवाब खोज के लाता है, जिनका जवाब और किसी के पास नहीं होता. रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से जुड़ी कुछ पहेलियां सुलझाने में अकसर हमारा दिमाग हार मान लेता है. बस ऐसी ही एक और पहेली का तोड़ खोज लायें हैं हम. आपने अपने फ़ोन या लैपटॉप के Earphones या Headphones पर Left (L) या Right(R) का निशान बना तो देखा ही होगा!

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उसी अनुसार उन्हें अपने कान में लगाते भी होंगे. क्या आपने नोटिस किया है कि Earphone के Left Side को अपने Right कान में लगाने, Right side को Left कान में लगाने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता? और जब कोई फर्क ही नहीं पड़ता, आवाज़ भी दोनों में समान आती है, तो ये निशान लगे होने का फायदा ही क्या?

दरअसल ये बेवजह नहीं होते. इसके पीछे बहुत से वाजिब कारण हैं. Sound Engineering से लेकर रिकॉर्डिंग से जुड़ी  बातें इसके कारणों में से एक हैं. सबसे पहली वजह है ‘Recording’.

अगर ‘स्टीरियो रिकॉर्डिंग’ के समय कोई साउंड बाईं ओर से आ रही है, तो आपके हेडफ़ोन   के Left चैनल में यह ज़्यादा तेज़ सुनाई देगी और Right चैनल में थोड़ी धीमी.

Earphones में Left और Right चैनल होने का दूसरा कारण है कि इससे 2 ध्वनियों को अलग करके सुनना आसान हो जाता है. उनके बीच अंतर पहचान पाना आसान होता है. कई ऐसे गाने हैं, जिनमें Loud Musical Instruments (उदाहरण-ढ़ोल) और Soft Musical instrument (उदाहरण-बांसुरी) की आवाज़ एक साथ होती है. ऐसे में एक Instrument की आवाज़ दूसरे की आवाज़ के आगे दब न जाये, इसलिए दोनों की आवाज़ को एक साथ अलग-अलग चैनल( Left या Right) में सुनाया जाता है.

इसके अलावा फिल्मों की सटीक साउंड रिकॉर्डिंग के लिए Left और Right चैनल होना ज़रूरी हैं. आपने कभी कोई फ़िल्म अपने लैपटॉप या फ़ोन पर Earphones के ज़रिये देखी है? अगर हां! तो शायद आपने नोटिस किया होगा कि स्क्रीन के Left Side से आने वाली किसी गाड़ी की आवाज़ पहले Left कान वाली तरफ़ ही आती है और धीमे-धीमे Right Side पहुंचती है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि देखने वाले को वहां होने का एहसास हो.

अगली बार जब ये सवाल कभी ज़हन में आये या कोई दोस्त पूछे, तो झट से ऊपर बताये गए उदाहरण दे देना. तथ्यता की गारंटी हमारी. और अगर हमें थैंक्स कहने का मन हो, तो इस आर्टिकल को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें.

Source : Quora