Ice Cubes को कभी गौर से देखा है? मतलब इतने भी गौर से नहीं कि आप उसे लेकर सीरियस हो गए हों. लेकिन Ice Cubes बाहर से क्रिस्टल क्लियर और अंदर से धुंधली-सी क्यों दिखती हैं, ये सोचा है!
बर्फ़ के टुकड़ों के बारे में सुविचार करते हुए मेरे दिमाग़ में ये समझने की ख़ुरक मची कि बर्फ़ के टुकड़ों में जो Haziness या धुंधलापन होता है, वो क्यों है!
मेरे इस सवाल का जवाब मिला साइंस की स्कूल बुक में.
ये सभी जानते हैं कि पानी, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर बनता है, लेकिन जिस पानी को हम पीते हैं, वो प्योर नहीं होता. यानि उसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अलावा भी गैस होती हैं, जैसे कैल्शियम और मैग्नीशियम. वॉटर जब लिक्विड स्टेट में होता है, तो ये गैस या मिनरल्स दिखाई नहीं देते.
शुद्ध पानी 0 डिग्री पर जम कर बर्फ़ बनता है, ये सभी को मालूम होगा. हालांकि, जब उस पानी में बाक़ी गैस मिली हों, तो वो उसका फ्रीज़िंग पॉइंट और कम कर देती हैं. इससे बर्फ़ और देर में जमती है. जब पानी जमता है, तो सबसे पहले उसकी बाहरी सतह जमती है. ये सतह वो हिस्सा है, जहां पानी सबसे ज़्यादा प्योर होता है. लेकिन अन्दर का पानी अभी तक नहीं जमा है, क्योंकि उसमें गैस घुली हुई हैं.
अगर आप बाहर से देखते हैं, तो ये शुद्ध पानी जम चुका होता है, जबकि अन्दर के हिस्से में जहां मिनरल्स और गैस ज़्यादा Concentration में हैं, वो हिस्सा अभी भी लिक्विड/ तरल स्टेट में है.
इस जानकारी के साथ एक जानकारी और!
आपने स्कूल में Refraction / अपवर्तन के बारे में ज़रूर पढ़ा होगा. Refraction या अपवर्तन में लाइट एक मीडियम से दूसरे मीडियम में ट्रैवल करती है, तो लाइट Bend हो जाती है. इन Ice Cubes में जब भी लाइट पड़ती है, वो बाहरी सतह पर बर्फ़ यानि सॉलिड स्टेट से अन्दर अभी भी तरल/ लिक्विड स्टेट, पानी में जाकर Bend हो जाती है. लाइट के इसी अपवर्तन की वजह से Ice Cubes बाहर से पारदर्शी और अन्दर से धुंधली दिखाई देती हैं.
इतनी छोटी-छोटी चीज़ों में भी कितनी Science होती है न?
Feature Image Source: Club Pimple