इस संख्या ‘6174’ को देखने से आपको लगेगा नहीं कि ये कोई मैजिकल नंबर भी हो सकता है, लेकिन जब भी गणित में इसका इस्तेमाल किया जाता है, अच्छे-अच्छे गणितज्ञों की बोलती बंद हो जाती है. साल 1949 से लेकर अब तक ये संख्या दुनियाभर के गणितज्ञों के लिए एक पहेली बनी हुई है.   

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भारतीय गणितज्ञ दत्तात्रेय रामचंद्र काप्रेकर को संख्याओं के साथ प्रयोग करना बेहद पसंद था. अपने इसी प्रयोग की प्रक्रिया में उनका परिचय इस रहस्यमयी संख्या ‘6174′ से हुआ. 

मुंबई विश्विद्यालय से पढ़े रामचंद्र काप्रेकर ने मुंबई के देवलाली कस्बे के एक स्कूल में गणित पढ़ाते हुए अपनी ज़िंदगी गुजारी थी. उन्हें अक्सर स्कूल और कॉलेजों में गणित के कठिन से कठिन सवालों को हल करने के लिए बुलाया जाता था. वो कहते थे कि, जिस तरह नशे में रहने के लिए एक शराबी शराब पीता है. संख्याओं के मामले में मेरे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही है. 

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दरअसल, साल 1949 में मद्रास में हुए एक ‘गणित सम्मेलन’ के दौरान काप्रेकर ने दुनिया को इस संख्या से परिचित कराया था. हालांकि, उस दौर में कई बड़े गणितज्ञों ने उनकी इस खोज का मज़ाक भी उड़ाया. भारतीय गणितज्ञों ने तो इसे खारिज तक कर दिया था. 

समय के काप्रेकर की इस खोज की चर्चा भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी होने लगी. सन 1970 के दशक तक अमेरिका के बेस्ट सेलिंग लेखक और गणित में रुचि रखने वाले मार्टिन गार्डर ने उनके बारे में एक लोकप्रिय साइंस मैग्ज़ीन ‘साइंटिफ़िक अमेरिका’ में आर्टिकल लिखा था. आज काप्रेकर और उनकी इस खोज को मान्यता मिल रही है. दुनियाभर के गणितज्ञ इस पर रिसर्च कर रहे हैं. 

आख़िर ये संख्या क्यों इतनी मैजिकल है? इसे समझने के लिए आगे बताए जा रहे कुछ दिलचस्प तथ्यों को देखिए. चलिए आख़िर ‘6174’ को Mysterious Number यानि कि जादुई संख्या क्यों कहा जाता है वो भी जान लेते हैं- 

उदाहरण के लिए आप अपने मन से 4 अंकों की कोई भी संख्या चुनिए, लेकिन ध्यान रहे कि कोई भी अंक दोबारा न आए.   

उदाहरण के लिए 1234 ले लेते हैं- 

अब इन्हें घटते क्रम में लिख लेते हैं- 4321

फिर इन्हें बढ़ते क्रम में लिख लेते हैं- 1234
अब बड़ी संख्या से छोटी संख्या को घटा दें- (4321 – 1234) = 3087 

अब नतीजे में मिली संख्या को घटते क्रम में लिख लें- 8730

फिर नतीजे में मिली संख्या को बढ़ते क्रम में लिख लें- 0378
अब बड़ी संख्या में से छोटी संख्या को घटा दीजिए- (8730 – 0378) = 8352

अब नतीजे में मिली संख्या को घटते क्रम में लिख लें- 8532

फिर नतीजे में मिली संख्या को बढ़ते क्रम में लिख लें- 2358
अब बड़ी संख्या में से छोटी संख्या को घटा दीजिए- (8532 – 2358) = 6174 (मैजिकल नंबर)

अब मैजिकल नंबर ‘6174’ को भी ऊपर की प्रक्रिया की तरह ही को दोहराए. यानी की बढ़ते और घटते क्रम में रखने के बाद इसे घटाएं. 

(7641-1467) = 6174 जैसा कि आप देख सकते हैं, प्रक्रिया दोहराने के बाद उत्तर ‘6174’ ही आ रहा है. आप चाहें तो इसे आगे भी दोहरा सकते हैं लेकिन नतीजा ‘6174’ ही मिलेगा. 

चलिए अब कोई दूसरी संख्या 2005 को ले लेते हैं. अब इसके साथ भी ऊपर दी गई प्रक्रियाएं दोहराइये- 

5200 – 0025 = 5175

7551 – 1557 = 5994
9954 – 4599 = 5355
5553 – 3555 = 1998
9981 – 1899 = 8082
8820 – 0288 = 8532
8532 – 2358 = 6174
7641 – 1467 = 6174

अब आप ख़ुद देख सकते हैं, चाहे कोई भी 4 अंकों की संख्या चुन लें अंतिम नतीजा ‘6174’ ही मिलेगा. इस फ़ॉर्मूले को कैप्रेकर्स कॉन्स्टेंट कहते हैं. 

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मैजिकल नंबर ‘6174’ स्कूल के पाठ्यक्रम में भी शामिल है 

मुंबई की ‘सीग्राम टेक्नोलॉजी फ़ाउंडेशन’ ने ग्रामीण और आदिवासी स्कूलों के लिए आईटी लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया है. जिसने मैजिकल नंबर ‘6174’ को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है.