नीले और लाल रंग को पता भी नहीं चला कि कब वो बदनाम हो गए. मैं बात कर रहा हूं Blue Film और Red Light Area के संदर्भ में. हम जानते हैं कि पॉर्न फ़िल्म्स को हम Blue Film कहते हैं और वेश्यावृत्ति जिस इलाके में होती है उसे Red Light Area. सवाल ये है कि इन रंगों के साथ ये व्यापार जुड़ कैसे गए. सवाल-जवाब की वेबसाइट Quora पर ये सवाल पूछा गया और कई लोगों ने इसके पीछे के तथ्यों के बारे में बताया.

क्यों पॉर्न फ़िल्मों को Blue Film कहते हैं?

Kezia

इस रंग का पॉर्न या अडल्ट फ़िल्मों के साथ जुड़ने के कई कारण हैं.

1. साल 1920 में पॉर्न फ़िल्में बड़ी सस्ती बनाई जाती थीं. ब्लैक एंड वाइट फ़िल्मों में जिन रील का इस्तेमाल होता था, वो महंगी होती थी और ज़्यादा लम्बे समय तक इस्तेमाल नहीं की जा सकती थीं. उनमें नीले रंग के कुछ शेड आ जाते थे. पॉर्न फ़िल्म बनाने वाले उसे हॉलीवुड से सस्ते दाम में खरीद कर, फ़िल्म शूट करते थे. अंत में वो फ़िल्म हल्की नीली दिखाई पड़ती थी और इसलिए लोग उसे Blue Film कहने लगे. पॉर्न फ़िल्में अब वैसे शूट नहीं होतीं, पर नाम Blue Film ही चल रहा है.

2. Blue Films का सम्बंध 50-60 साल पहले खत्म हो चुके पश्चिमी देशों के Blue Law से भी है. Blue Law के अंर्तगत कई चीज़ें आती थीं, जैसे रविवार को कोई काम नहीं हो सकता था, शराब की अधिक बिक्री पर पाबंदी और पॉर्न फ़िल्मों की शूटिंग पर भी इसके हस्तक्षेप थे. माना जाता है कि Blue Law की वजह से भी लोग इसे Blue Film कहते थे.

3. एक कारण ये भी बताया जाता है कि 1969 में बनी पहली अडल्ट फ़िल्म ‘Blue Movie’ में काफ़ी अश्लील सेक्स सीन था, जो टेक्निकल खराबी की वजह से नीले रंग का दिखाई पड़ रहा था. ये फ़िल्म अमेरिका के कई सिनेमाघरों में चली थी और तबसे ऐसी फ़िल्मों का नाम Blue Film पड़ गया.

क्यों वेश्यावृत्ति के इलाकों को Red Light Area कहते हैं?

Amsterdamtour

Blue Film की तरह इसके लिए भी कई कारण सामने आए हैं.

1. साल 1894 में अमेरिका के Amsterdam में Red Light District नाम का इलाका था. यहां खासतौर से वेश्या घर में लाल रंग की लाइटें लगाती थीं, ताकि वो इलाके के बाकी घरों या दुकानों से अलग दिख सकें. लाल रंग प्यार और कामुकता का प्रतीक होता था और दूर से देखने में सबसे ज़्यादा चमकता था. उस समय जब इंटरनेट नहीं होता था, यही तरीका था लोगों को इशारा करने का.

2. कई लोगों का मानना है कि वेश्या घर में कई वेश्याएं Sexually Transmitted Diseases (STD) से ग्रसित होती थीं, जिस वजह से उनके शरीर में लाल दाग, गुप्त अंगों में सूजन होती थी. ये देख कर ग्राहकों की कामुकता खत्म हो जाती ​थी, इसलिए वहां लाल लाइटें लगा दी गई थीं. इससे शरीर पर दाग और सूजन छिप जाती थी और लाल रंग में कामुकता और बढ़ जाती थी.

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Source- Quora