हर कोई नये-नये शानदार कपड़े पहनना पसंद करता है. सभी ये चाहते है कि उनके पास पहनने को ढेर सारी ड्रेसेज़ हों. ऐसे में गौर करने की बात ये है कि सभी को कपड़ों से इतना प्यार है, तो फिर दुनिया के अधिकतर सक्सेसफुल लोग एक ही तरह के कपड़े रोज़ क्यों पहनते हैं? स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक सभी एक ही तरह के कपड़े में देखे जाते रहे हैं.

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सफ़ल लोगों द्वारा इस तरह कपड़ों की बेरुख़ी के पीछे कई चीज़ें छुपी हुई है, आज उन्हीं बातों पर नज़र डालते हैं.

1. डिसीज़न मेकिंग में ना हो कोई दिक्कत

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कोई इंसान अपने पूरे दिन में जितने ज़्यादा डिसीज़न लेता है, उसके डिसीज़न्स की क्वालिटी में उतनी ही कमी आती जाती है. ऐसे में अगर कोई इंसान सुबह उठते ही आज क्या कपड़े पहनने है, इस बात के लिए भी डिसीज़न लेना शुरू कर देता है, उसकी डिसीज़न मेकिंग प्रोसेस की शुरुआत तो उसी समय शुरू हो जाती है. उसके बाद भी इंसान को दिन भर में अनेक डिसीज़न लेने होते हैं.

ओबामा भी ज्यादातर ग्रे और ब्लू रंग के ही सूट्स पहनते हैं. जितना कम कोई अपने कामों को करने में अपने डिसीज़न लेने के सेन्स का कम यूज़ करता है, उसकी डिसीज़न मेकिंग की क्वालिटी उतनी ही अच्छी होती जाती है. बड़े-बड़े लोग इसीलिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते है. वैसे भी उनके पास सोचने के लिए और भी कई काम होते हैं.

2. समय की बचत

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जिस इंसान की अलमारी में कपड़ों का बोझ जितना कम होता है, बाकी काम करने के लिए उसके पास उतना ही ज़्यादा टाइम होता है. किसी के पास जितने ज़्यादा कपड़े होते हैं, वो किसी भी काम पर जाने के लिए तैयार होने में उतना ही ज़्यादा टाइम वेस्ट करता है.

3. कम कपड़े यानि लाइफ में कम स्ट्रेस

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कोई भी इंसान नॉर्मली जब कपड़े पहनने के लिए तैयार हो रहा होता है, तो उसके दिमाग में ढेर सारी बातें चल रही होती है. जो कपड़े वो पहन रहा है, उसमें वो कैसा लगेगा. जिस किसी भी जगह पर वो उन्हें पहन कर जाने वाला है, उस जगह के हिसाब से ये कपड़े सही रहेंगे या नहीं. इस तरह एक इंसान केवल कपड़ों की वजह से स्ट्रेस पाल बैठता है, जो उसके बाकी कामों को भी प्रभावित करता है.

4. कम कपड़े यानि कम एनर्जी वेस्ट

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हॉलीवुड की कई सफल फ़िल्में बना चुके Christopher Nolan का मानना है कि कम कपड़े होने से ना केवल स्ट्रेस कम होता है बल्कि एनर्जी भी कम वेस्ट होती है. जीतने ज़्यादा कपड़े किसी भी इंसान की ज़िन्दगी में होते हैं, उसे उन्हें संभालने के लिए उतनी ही ज़्यादा एनर्जी वेस्ट करनी पड़ती है.

5. दिखती है एक अलग पहचान

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बॉलीवुड फ़िल्मों का शौक रखने वाले लोग अब्बास-मस्तान का नाम ज़रुर जानते होंगे. ये दोनों ही भाई हमेशा केवल व्हाइट शर्ट और व्हाइट पेंट ही पहने हुए नज़र आते हैं. उन दोनों द्वारा रोज़ एक ही तरह की पहनी जाने वाली पौशाक उन्हें एक अलग पहचान की केटेगरी में ला कर खड़ा कर देती है. इसी लिस्ट में हम मार्क जुकरबर्ग का भी नाम एड कर सकते हैं.

6. कम कपड़े मतलब कम खर्च

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1930 में औसतन एक अमेरिकन औरत के पास 9 ड्रेसेज़ हुआ करती थी, आज के समय में यह संख्या बढ़ कर 30 हो चुकी है. इसी तरह आज औसतन एक अमेरिकी परिवार अपने कपड़ों पर सालाना 1,700 डॉलर खर्च कर डालता है. इसके साथ ही जब भी कोई इंसान कपड़े खरीदने जाता है, तो वो चीज़ें भी उठा लाता है, जिनकी कोई ख़ास ज़रुरत नहीं होती है. ऐसे में कपड़े कम से कम खरीदना, ज़्यादा से ज़्यादा पैसों को बचा सकता है.

7. कम कपड़े यानि जीवन में उतनी ही ज़्यादा शांति

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इंसान की लाइफ़ में सोचने के लिए जितनी कम चीज़ें होंगी, उसकी लाइफ़ उतनी ही ज़्यादा शांति से गुजरेगी. औसतन एक औरत अपनी ज़िन्दगी का 1 साल केवल यह सोचने में लगा देती है कि उसे कपड़े कौन-से पहनने हैं. इससे साफ नज़र आता है कि ज़्यादा कपड़े आपका सुख चैन भी छीन लेते हैं.

देखा ना आपने आख़िर सफल लोग कपड़ों के मोह से अपने आप को बचा कर किस तरह सफलता की अपनी डगर पर आगे बढ़ते जाते हैं.