कहते हैं कि जब हम अपने-अपने घरों में चैन की नींद सो रहे होते हैं, तब शहर की पुलिस की ज़िम्मेदारी होती है हमारी सुरक्षा करने. लेकिन अगर हमारे ये रक्षक ही हमारे भक्षक बन जाएं, तो क्या हो? तब हमारी रातों की नींद और दिन का चैन सब फ़ुर्र हो जाता है.

ऐसी ही दिल को दहला देने वाली वारदात हुई राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाली मेघा गुप्ता और उनके पति अमित गुप्ता के साथ. उनकी ज़िन्दगी में अचानक हुई इस घटना ने इस दम्पति को अन्दर तक हिला कर रख दिया. मेघा गुप्ता के पति को नशे में धुत कुछ पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से बेल्टों से पीटा. ये घटना उनकी ज़िन्दगी में एक बुरा सपना बन कर आयी थी.

मेघा गुप्ता ने एक फेसबुक पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने अपना दर्द और असहनीय पीड़ा को शब्दों में उतारा है. इस पोस्ट को आशिमा गुप्ता ने शेयर किया है. अपनी पोस्ट में मेघा ने लिखा, जब उनके पति पंजाबी बाग़ सी अपने घर वापस आ रहे थे, तभी अचानक रॉन्ग साइड से आ रही एक पुलिस वाले की बाइक से उनकी कार की टक्कर हो गई. इसके बाद उन्होंने पूरी घटना को इस पोस्ट में बयां किया:

मैं मेघा गुप्ता हूं और मुझे आपकी मदद की ज़रूरत है. मैं रोहिणी के सेक्टर 11 में रहती हूं. मेरे पति अमित गुप्ता को 18 मई को एक पुलिस वाले ने बेरहमी से पीटा है. मेरे पति पंजाबी बाग़ से एक पार्टी अटेंड करके घर लौट रहे थे.हमारे घर के पास ही मेरे पति की कार की टक्कर एक पुलिस वाले की बाइक से हुई, जो कि गलत साइड से आ रहा था. वो पुलिस वाला नशे में धुत था जिस कारण वो अपनी बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाया और मोटरसाइकिल समेत नीचे गिर गया. मेरे पति तुरंत कार से बाहर निकेल और देखने लगे कि कहीं उसको कोई चोट तो नहीं आई. लेकिन वो पुलिस वाला मेरे पति पर ही बरस पड़ा और उनको बुरी तरह पीटने लगा. इतना ही नहीं उसने दूसरे पुलिसकर्मियों को भी बुला लिया. मेरे पति की दलील सुने बिना ही वो लोग उनको प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन ले गए. वहां ले जाकर उन लोगों ने मेरे पति के हाथ बांध दिए और फिर पीटना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद वो उनको अम्बेडकर हॉस्पिटल लेकर गए और वहां उनका मेडिकल चेकअप करवाया. और जो पुलिस वाला बाइक चला रहा था उसने बुरी तरह से मेरे पति की बांह को अपने नाख़ुनों से खरोंच डाला था.इसके बाद वो दोबारा मेरे पति को पुलिस स्टेशन ले गए और अबकी बार लाठी-डंडों और बेल्टों से उनको मारने लगे. इसके बाद भी उन लोगों ने मेरे पति को अपने परिवार को फ़ोन करने की अनुमति नहीं दी. उनको बर्बरता की हदों से भी अधिक प्रताड़ित किया गया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.दूसरे दिन सुबह 6 बजे उन्होंने मेरे पति को अपने भाई को कॉल करने के लिए कहा और उनको छोड़ने के लिए 1 लाख रुपये की मांग की. बहुत मिन्नतें करने के बाद आख़िरकार वो 60000 रुपये में मेरे पति को छोड़ने के लिए तैयार हुए. पुलिस स्टेशन के सभी सीसीटीवी फुटेज दुर्वव्हार के सबूत हैं. जिनमें साफ़-साफ़ दिख रहा था कि किस तरह अमानवीय व्यवहार किया था इन पुलिस वालों ने इन मेरे पति के साथ. पुलिस के इस दुर्व्यवहार की बार-बार शिकायत करने के बाद भी इन भ्रष्ट पुलिस वालों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

प्लीज़ मेरे पति को न्याय दिलवाने के लिए मेरी मदद करिए. पुलिस में इस घटना की शिकायत करने के बाद से परिवार को परेशान किया जा रहा है और मामले को वापस लेने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा है. इस हिंसापूर्ण कृत्य के विरोध में प्रशांत विहार पुलिस स्टेशन के बाहर 25 मई को एक प्रोटेस्ट भी किया गया.

इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको भी महसूस हुआ होगा कि कितना हिंसात्मक व्यवहार किया गया था अमित गुप्ता के साथ. अगर पुलिस पर मेघा गुप्ता द्वारा लगाये गए आरोप सही साबित होते हैं, तो उस पुलिस वाले और उसके साथियों को दोषी ठहराया जाएगा और उनके खिलाफ़ कड़ी कार्यवाई की जायेगी.

सच में ये घटना बहुत ही भयावह है. यही वजह है कि हम खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि हम उस समाज में रहते हैं, जहां इंसान ही इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है. हम आशा करते हैं कि अमित गुप्ता की जल्द ही इस सदमे से बाहर आ जायें और आगे बढ़ें.

यहां पर आप मेघा गुप्ता की पूरी पोस्ट पढ़ सकते हैं.