पिछली सदी में दुनिया, दो विश्व युद्ध और कई खौफ़नाक नरसंहारों की गवाह रही है. अहंकार, सत्ता की भूख और ऐसे कितने ही स्वार्थी कारणों के चलते दुनिया के शासकों ने समय-समय पर दुनिया को भयंकर जख़्म दिए हैं. ये घटनाएं न केवल इतिहास के पन्ने पर एक काले वक्त के तौर पर दर्ज हुई हैं बल्कि इनसे जुड़ी तस्वीरें भी त्रासदी भरे ज़माने की कहानी कहती हैं.

1. जलियांवाला बाग, 1919

1919 में पंजाब के शहर अमृतसर में जनरल डायर ने कत्ले-आम मचा दिया था. तस्वीर में मौजूद ये वहीं कुआं है जिसमें सैंकड़ों औरतों ने अपने बच्चों समेत छलांग लगा दी थी. जनरल डायर की गोलियों से बचने और अंग्रेज़ों के उत्पीड़न से बचने के लिए उनके पास यही एक तरीका था.

2. बंगाल का अकाल, 1943

1943 में बंगाल (मौजूदा बांग्लादेश, भारत का पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा) ने अकाल का वो भयानक दौर देखा था, जिसमें करीब 30 लाख लोगों ने भूख से तड़पकर अपनी जान दे दी थी. ये द्वितीय विश्वयुद्ध का दौर था. उस वक्त हालात ऐसे थे कि लोग भूख से तड़पते अपने बच्चों को नदी में फ़ेंक रहे थे. लोग पत्तियां और घास खाकर ज़िंदा थे. लोगों में सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने का भी दम नहीं बचा था.

इस अकाल के पीछे अंग्रेज़ सरकार की नीतियां ज़िम्मेदार थीं. इस साल बंगाल में अनाज की पैदावार बहुत अच्छी हुई थी, लेकिन अंग्रेज़ों ने मुनाफ़े के लिए भारी मात्रा में अनाज ब्रिटेन भेजना शुरू कर दिया और इसी के चलते बंगाल में अनाज की कमी हुई.

इसके लिए ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल को सबसे ज्यादा ज़िम्मेदार बताया जाता है, जिन्होंने स्थिति से वाकिफ़ होने के बाद भी अमेरिका और कनाडा के इमरजेंसी फूड सप्लाई के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. चर्चिल अगर चाहते तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था.

3. Nanking नरसंहार

इसे दुनिया की सबसे खौफ़नाक घटनाओं में शुमार किया जाता है.13 दिसंबर 1937 को चीन और जापान के बीच शुरू हुआ ये युद्ध छह सप्ताह तक चला था. 

नानकिंग उस समय चीन की राजधानी थी, जहां जापान की आर्मी ने हमला कर दिया था.  ये कत्लेआम जापान की शाही जापानी सेना ने किया था. इसे रेप ऑफ़ नानकिंग भी कहा जाता है.

1937 में हुए इस कत्लेआम में 3 लाख लोग मारे गए थे. इस नरसंहार में हज़ारों महिलाओं का बलात्कार और हत्याएं की गईं थी.

4. हिरोशिमा परमाणु हमला, 1945

जापान के शहर हिरोशिमा में परमाणु हमले में मरे लोग अनचाहे तरीके से ही सही, लेकिन दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं.

दरअसल परमाणु बम ऐसी शक्तिशाली रेडियेशन छोड़ता है जिससे लोगों की परछाई मरने के बाद भी रह जाती हैं. परमाणु विस्फ़ोट के आसपास मौजूद लोग नैनोसेकेंड के अंदर ही खत्म हो जाते हैं.

रेडियेशंस से मरने वाले लोग भाप बन जाते हैं और इन लोगों की आकृतियां मरने के बाद भी दीवार पर रह जाती हैं.

5. बांग्लादेश की आज़ादी, 1971

मार्च 1971 से दिसंबर 1971 तक पश्चिमी पाक सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के लगभग 30 लाख लोगों की हत्या की थी. 

बलात्कार और टॉर्चर के चलते कई लोग अपना देश छोड़कर, शरणार्थी के तौर पर भारत में रहने लगे थे. 

1971 में भारत पाकिस्तान के बीच चले 13 दिन के युद्ध के बाद आखिरकार इन नृशंस हत्याओं का सिलसिला रुका था और बांग्लादेश को आज़ादी मिल पाई थी.

6. अत्याचार के खिलाफ़ आत्मदाह

वियतनाम के इस Monk ने बौद्ध धर्म का पालन करने वाले लोगों के अधिकारों के लिए आत्मदाह कर लिया था. 

Thich Quang Duc ने दक्षिण वियतनाम सरकार के एक बुद्धिस्ट पर किए गए अत्याचार को लेकर ये कदम उठाने का फ़ैसला किया था. 

11 जून, 1963 को उन्होंने Saigon रोड पर आत्मदाह कर लिया था.

7. भोपाल गैस त्रासदी

2 दिसंबर 1984 को भोपाल की एक केमिकल फैक्ट्री से जानलेवा केमिकल Methyl Isocynate III (MIC) लीक हो गया था. ज़्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं चल पाया और कई लोग नींद के दौरान ही मौत के आगोश में समा गए. इन मासूम बच्चों को भी नहीं मालूम था कि सर्द रात में उनकी ये नींद उन्हें हमेशा के लिए खामोश कर देगी.

8. श्रीलंका का गृह युद्ध

श्रीलंका, पिछले कई दशकों से गृह युद्ध की चपेट में रहा है. इस तस्वीर में एक परिवार को महज इसलिए जला दिया गया था क्योंकि ये परिवार तमिल था.

9. मिडिल ईस्ट में आतंक

मिडिल ईस्ट को दुनिया का सबसे अशांत क्षेत्र माना जाता है. 

जिहाद के नाम पर लड़ी जा रही इस जंग में आतंकी संगठन आईएसआईएस कई बेगुनाहों को मौत के घाट उतारता आया है.

10. एलेन कुर्दी

दो साल के एलेन कुर्दी की इस मार्मिक तस्वीर को भला कौन भूल सकता है. एलेन अपने परिवार के साथ युद्ध वाले क्षेत्र से पलायन की कोशिश कर रहा था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंज़ूर था. एलेन की इस तस्वीर ने करोड़ों लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था.