लाइब्रेरी… ये शब्द सुनते ही कुछ लोग उबासी लेने लगेंगे, कुछ लोगों को Crush को फ़ॉलो करना याद आयेगा और कुछ लोगों को कलम पर कलम और कॉपी पर कॉपी ख़त्म करना. लाइब्रेरी है बड़ी इंट्रेस्टिंग जगह.
जो भी हो, दुनिया में शायद ही कोई शख़्स हो जिसने कभी लाइब्रेरी में कदम न रखा हो. लाइब्रेरी से प्रेम हो या न हो पर क्या आप जानते हैं 1100 से ज़्यादा साल पुरानी एक लाइब्रेरी के बारे में जो आज भी चल रही है?
मोरक्को के फ़ेज़ शहर में है अल-क़ारावियन लाइब्रेरी जिसे 859 ईस्वी में खोली गई थी. ये लाइब्रेरी विश्व की सबसे पुरानी लगातार चलने वाले विश्वविद्यालय का हिस्सा है. छोटे-बड़े बदलावों के साथ इस लाइब्रेरी ने 1000 सालों से ज़्यादा का सफ़र तय किया. इस लाइब्रेरी की स्थापना फ़ातिमा-अल-फ़िहरी, ट्युनिशिया के एक व्यापारी की बेटी ने किया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2012 में कैनेडियन-मोरोक्कन आर्किटेक्ट, अज़ीज़ा चाउनी ने इसकी सूरत बदली और ख़स्ताहाल हो चले लाइब्रेरी को वापस ज़िन्दा कर दिया.
इस लाइब्रेरी में लगभग 4000 मैनुस्क्रिप्टस हैं. यहां कुफ़ीट लिखावट में 9वीं सदी की एक क़ुरान है और पैगंबर मोहम्मद के जीवन के सबसे पुराने लिखित सुबूत में से एक है. ये क़ुरान अभी भी अपने असली बाइंडिंग में है.