हर देश को अपनी सुरक्षा के लिए एक ऐसी विंग बनाने की ज़रूरत होती है, जो ख़ुफ़िया तौर से काम करे और इसके अधिकारी, कर्मचारी अन्य विभागों की तरह सार्वजनिक ना होकर गुप्त रहें. इसकी कार्यप्रणाली के बारे में किसी आम आदमी को खबर नहीं होती. खुफिया एजेंसियों की ज़रूरत का एहसास तब होता है, जब आप दुश्मन देशों के गहरे राज़ और षड्यंत्र का पता लगाना चाहते हैं. देश की सेवा के लिए ये इतने समर्पित होते हैं, कि कई सालों तक दूसरे देशों में नाम बदल कर अपने घर-परिवार से दूर रहने को तैयार हो जाते हैं. ख़ुफ़िया एजेंसियां देश को एक ताकत देती हैं, ताकि देश हमेशा विश्व भर के खतरे से सतर्क रहे. ये ज़्यादातर बाह्य मसलों पर कार्य करती हैं, पर कुछ देशों में ये आंतरिक मामलों में भी दखल देती हैं.

आज हम बताने वाले हैं आपको दुनिया भर की ऐसे ही कुछ ख़ुफ़िया एजेंसियों के बारे में:

1. रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग), भारत

ये गर्व की बात है कि दुनिया भर की शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों में भारत की रॉ को शामिल किया गया है. 1968 में गठित की गई इस एजेंसी का देश में एक अलग महत्व है. देश के आंतरिक मामलों की जांच और देख-रेख आईबी के जिम्मे है और देश के बाहर के सारे मामलों की निगरानी का काम रॉ के पास है.

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रॉ देश में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है, खासकर बांग्लादेश के साथ लड़ाई के दौरान. पाकिस्तान और चीन की तमाम जानकारियों से भी रॉ ही देश को अवगत कराती है. पाकिस्तान सरकार और उसकी आर्मी के बीच की बात को ये Intercept करती है.

2. आईएसआई (इंटर-सर्विसेस इंटेलीजेंस), पाकिस्तान

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पाकिस्तान की ये ख़ुफ़िया एजेंसी विश्व की सबसे शक्तिशाली एजेंसी मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि पाक में किसी की भी सरकार हो, वो ISI के आगे झुका ही रहता है. 1948 में गठित ये एजेंसी अफगानिस्तान में सोवियत संघ को हराने में मदद करने के बाद अपना दम दिखा चुकी है. सेना और सरकार दोनों ही इसके नीचे काम करते हैं.

3. मोसाद, इजराइल

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मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक ख़ुफ़िया एजेंसी है. कहा जाता है कि इसका कोई भी ऑपरेशन आज तक फेल नहीं हुआ. इजराइल का दुनिया में प्रभुत्व होने के पीछे इसी एजेंसी का हाथ है. मोसाद का ऑपरेशन ‘एंतेब्बे रेस्क्यू’ सबसे चर्चित ऑपरेशन रहा है. युगांडा में अपने बंदियों को छुड़ाने के लिए इजराइल ने ये ऑपरेशन किया था. इस ऑपरेशन में मोसाद के सभी एजेंट युगांडा आर्मी की पोशाक में थे, एक एजेंट युगांडा के राष्ट्रपति के वेष में था. सबको यही लगा कि वो वाकई युगांडा का राष्ट्रपति है. फ़ायदा उठा कर उसने अपने बंदियों को छुड़ा लिया और उनके कई प्लेन भी नष्ट कर दिए.

4. सीआईए (सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी) अमेरिका

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दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी है, तो लाज़मी है कि कुछ तो बात तो होगी ही. हालांकि इसके कई ऑपरेशन असफल रहे हैं, पर ओसामा की हत्या और Operation PBSUCCESS की कामयाबी, बाकी सारी बातों को दबा देती हैं. इसका गठन 1947 में हुआ था और इसके हेडहेडक्वॉर्टर फेयरफैक्स और वर्जीनिया में हैं.

5. एमआई6 (मिलिट्री इंटेलीजेंस, सेक्शन 6) यूनाइटेड किंगडम

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दुनिया की सबसे पुरानी इंटेलीजेंस एजेंसियों में से एक है. इसका गठन 1909 में हुआ था. माना जाता है कि इस एजेंसी ने अपनी सेवाएं प्रथम विश्व युद्ध में भी दी थीं और हिटलर को हराने में इसकी मुख्य भूमिका थी. इस एजेंसी की खास बात ये भी है कि ये दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों की भी उनके मिशन में मदद करती है.

6. जीआरयू (मेन इंटेलीजेंस एजेंसी), रूस

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ये इंटेलीजेंस एजेंसी रूस की मुख्य खुफिया एजेंसी है, इससे पहले जब सोवियत संघ का पतन नहीं हुआ था, तब यहां की मुख्य खुफिया एजेंसी केजीबी थी. ये एजेंसी केवल विदेशी गतिविधियों पर ही काम करती है. सोवियत संघ के पतन के बाद इस एजेंसी ने ही रूस को एक बार फिर सुपरपॉवर देशों के लिए बड़ी चुनौती बना दिया है, वर्ना केजीबी के बंद होने के बाद रूस की परेशानी बढ़ गयी थी.

7. एमएसएस (मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी), चीन

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ये चीन की इकलौती ख़ुफ़िया एजेंसी है, जो आंतरिक और बाह्य दोनों मामलों पर नज़र रखती है. ये एजेंसी चीन को विश्व की गतिविधियों से भी अवगत कराती है. इसका गठन 1983 में हुआ था. ये एजेंसी देश के आंतरिक मामलों में दखल बस कम्युनिस्ट पार्टी की लोकप्रियता बनाये रखने के लिए देती है.

8. बीएनडी (Bundesnachrichtendienst), जर्मनी

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तकनीकी तौर पर ये एजेंसी दुनिया की सबसे बेहतरीन खुफिया एजेंसी है. इसका गठन 1956 में हुआ था. इसके दो ऑफिस हैं, पुल्लाक और बर्लिन में. इसकी निगरानी प्रणाली सबसे शानदार है, शायद ही कोई इंटेलीजेंस एजेंसी इसमें इसे मात दे पाए. ये खतरे को पहले ही भांप कर उसे ख़त्म कर देती है.

9. डीजीएसई (जनरल डॉक्टोरेट फॉर एक्सटर्नल सिक्योरिटी), फ्रांस

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ये एजेंसी भी रॉ की तरह ही बस बाह्य मामलों पर नज़र रखती है, ये अन्य देशों की एंजेसियों से काफी अलग है. इसका मुख्य काम है, ‘सरकार को ISIS की आतंकी गतिविधियों से आगाह करना’. 1982 में गठित इस एजेंसी में तकरीबन 5 हज़ार लोग काम करते हैं. ये एजेंसी लोकल पुलिस के साथ मिल कर भी काम करती है.

10. एएसआईएस (आस्ट्रेलियन सीक्रेट इंटेलीजेस सर्विस), आस्ट्रेलिया

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इसका गठन 1952 में हुआ था और इसका हेडक्वॉर्टर केनबरा में है. इसकी इंटेलीजेंस एजेंसी काफी कुशल है, जो अब तक इसे अंतर्राष्ट्रीय खतरों से बचाए हुए है. इसका कार्यक्षेत्र एशिया और प्रशांत महासागर के क्षेत्र हैं. एएसआईएस की कार्यप्रणाली इतनी गुप्त है कि आस्ट्रेलिया के लोग यहां तक कि वहां की सरकार भी कभी-कभी उसके बारे में कुछ जान नहीं पाती.

तो ये थी दुनिया की सबसे शक्तिशाली खुफिया एंजेसियों की खुफिया जानकारी. पर आप चाहें तो इसको शेयर करके इसे अपने दोस्तों को बता सकते हैं. वैसे खुफिया एजेंसी का काम बहुत मुश्किल भरा होता है. देश कोई भी हो, इनका काम हमेशा अपने देश को खतरे से बचाना है. इनकी कठिन मेहनत और मुश्किलों से भरी ज़िन्दगी को ग़ज़बपोस्ट का सलाम.