किसी भी देश के आर्थिक विकास में Industrialization यानी औद्योगीकरण बहुत अहम रोल निभाता है. इसकी मदद से देश में मौजूद संसाधनों का इस्तेमाल कर नए-नए उत्पाद बनाकर बाज़ारों में उतारे जाते हैं. इनसे हुई आमदनी से लोगों के साथ ही देशों की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ जाती है. मगर कई ऐसे हादसे भी हुए हैं, जिनके कारण तेज़ी से बढ़ रहे औद्योगीकरण पर सवाल उठने लगते हैं.
आइए भारत में अब तक हुई कुछ भीषण औद्योगिक आपदाओं के बारे में भी जान लेते हैं, जिन्हें याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं.
1. बॉम्बे डॉक्स विस्फोट-1944

1944 में मुंबई(बॉम्बे) के विक्टोरिया डॉक पर एक भीषण हादसा हुआ था. ये हादसा उस जहाज़ में हुआ था जो सोना और बारूद लेकर आ रहा था. हादसा इतना बड़ा था कि 12 किलोमीटर दूर तक लोगों के घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए थे. इस एक्सिडेंट में क़रीब 800 लोगों की मौत हो गई थी.
2. चासनाला खान हादसा-1975

धनबाद में मौजूद है चासनाला खान. 27 दिसंबर, 1975 में यहां पर सैंकड़ों मज़दूर रोज़ाना की तरह कोयले के खनन में लगे थे. अचानक खान के अंदर एक विस्फोट हुआ और उसी वक़्त खान में काम कर रहे 375 मज़दूर मौत के मुंह में समा गए.
3. भोपाल गैस कांड-1984

भोपाल गैस कांड की दर्दनाक यादें आज भी लोगों के ज़ेहन में ताज़ा हैं. 1984 में हुए इस हादसे को दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा कहा जाता है. Union Carbide Corp की फ़ैक्टरी में हुए इस हादसे में 42 टन Methyl Isocyanate गैस लीक हो गई थी. इसकी चपेट में आने के चलते हज़ारों लोग मारे गए थे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस हादसे में 5,300 लोगों की मौत हुई थी. जबकि, लोगों का मानना है कि भोपाल गैस कांड में 20-25 हज़ार लोग मारे गए थे.
4. कोरबा चिमनी हादसा-2009

छत्तीसगढ़ के कोरबा इलाके में भारत एल्युमिनियम कंपनी (बाल्को) का कारखाना है. यहां पर 2009 में एक चिमनी बनाई जा रही थी. ये चिमनी 240 मीटर तक बन चुकी थी तेज़ बारिश और तूफ़ान के चलते ये चिमनी वहां मौजूद 100 मज़दूरों पर गिर गई, जो तूफ़ान से बचने के लिए एक शेल्टर में बैठे थे. इस हादसे में क़रीब 45 लोगों की मौत हो गई थी.
5. जयपुर ऑयल डिपो अग्निकांड-2009

जयपुर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के डिपो में 2009 में भीषण आग लग गई थी. जिस टैंक में आग लगी थी उस समय उसके अंदर 8000 किलो लीटर तेल था. सरकारी आंकड़े के मुताबिक, इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 130 लोग घायल हुए थे. लोगों का कहना है कि इस आग की लपटें एक सप्ताह तक भी शांत नहीं हुई थीं.
6. एनटीपीसी पॉवर प्लांट हादसा-2017

उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले में एनटीपीसी का पॉवर प्लांट है. इसकी एक ईकाई में बॉयलर के फटने की वजह से 26 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.
इन भीषण हादसों को याद कर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है.
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