भारत में कविताई भले ही इसके शुरुआती दिनों में हो मगर हमारे पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. अभी हाल ही में जब मुंबई के “द हाइव” में कविताओं का आलोचनात्मक सम्मेलन वैलिडेशन सम्पन्न हुआ तो, जहां प्रीति वंगानी ने एक जबरदस्त प्रस्तुति दी.

हो सकते है कि आप कविता के प्रशंसक न हो मगर फ़िर भी ये कविता आपको सोचने को मज़बूर कर देगी.