गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाने वाले दुनिया के सबसे बूढ़े शख़्स और इज़रायली हॉलोकॉस्ट से बच निकले इज़रायल क्रिस्टल ने बीते शुक्रवार को अंतिम सांसें ली. 113 साल के क्रिस्टल एक महीने बाद अपना 114वां जन्म दिन मनाने की तैयारी कर रहे थे.

Jewish न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, पोलैंड के जारनोव शहर में 1903 में पैदा हुए क्रिस्टल का जन्म एक रूढ़िवादी यहूदी परिवार में हुआ था. क्रिस्टल धरती पर एक मात्र ऐसे जीवित इंसान थे, जिन्होंने दोनों विश्व युद्ध को बेहद करीब से देखा था. साथ ही वो हिटलर के नाज़ी सेना द्वारा किए गए नरसंहार से बच निकलने वाले अपने परिवार के इकलौते सदस्य थे.

प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1920 में क्रिस्टल अपने परिवार के पारिवारिक कॉन्फे़क्शनरी बिज़नेस में काम करने के लिए पोलैंड के वूज शहर में चले गए. उनकी पहली पत्नी और दो बच्चे यहूदी नरसंहार में मारे गए थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यातना शिविरों में जर्मन नाज़ियों ने यहूदियों को विभिन्न औज़ारों, गैस चैम्बर, घातक सुई, पर तरह-तरह के भयंकर प्रयोग करके मार दिया था. बाद में उन्होंने एक होलोकॉस्ट में जीवित बची युवती से शादी कर ली और उसके साथ 1950 में इज़रायल चले गए. यहां आकर उन्होंने अपना बिजेनस शुरू किया.

क्या था क्रिस्टल की लंबी उम्र का राज़?

2016 में दुनिया के सबसे पुराने जीवित व्यक्ति का ख़िताब मिलने के बाद, जब क्रिस्टल से पूछा गया कि उनकी लंबी उम्र का राज़ क्या है तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मेरी लंबी उम्र का रहस्य क्या है. जीवन या मरण ऊपर वाला निर्धारित करता है. दुनिया में मुझसे बेहतर और स्मार्ट पुरुष भी थे, जो आज हमारे बीच नहीं हैं. इसीलिए मुझे लगता है कि दुनिया हमारे नहीं, बल्कि प्रकृति के हिसाब से चलती है.’

क्रिस्टल अपने पीछे एक बहुत बड़ा परिवार छोड़ गए हैं. वहीं उनके परिवार के मुताबिक, ‘113 साल की उम्र पार कर चुके क्रिस्टल बेहद सरल और ज़िंदादिल स्वभाव के थे.’