हवाई यात्रा के दौरान अकसर ऊंचाई में उतार-चढ़ाव के कारण यात्रियों को थोड़े बहुत झटके लगते हैं. सफ़र में चोट न लगे इसलिये बार-बार सीट बेल्ट ढंग से बांधने की सूचना जारी की जाती है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में हवाई यात्रा के दौरान लगने वाले झटके 2-3 गुना बढ़ जाएंगे. इसका कारण है, जलवायु परिवर्तन.

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Mid-Air Turbulence(यात्रा के दौरान लगने वाले झटके) के बढ़ जाने से यात्रियों, Flight Attendant, Pilot सभी के घायल होने के आसार बढ़ जाएंगे.

वैज्ञानिकों का कहना है कि विश्व के तापमान में बदलाव के कारण ऊंचाई पर जाने के बाद हवा में रहने वाली कोई भी वस्तु पहले के मुक़ाबले ज़्यादा अस्थिर हो जाएगी.

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Severe Turbulence या वायुमंडल में ज़्यादा असंतुलन के कारण विमान में मौजूद सामान और यहां तक कि इंसान भी एक जगह से दूसरी जगह पटके जा सकते हैं. ऐसी स्थिति में गुरुत्वाकर्षण भी कमज़ोर साबित होगा.

अंतर्राष्ट्रीय विमान, 39000 फ़ीट से भी ज़्यादा ऊंचाई पर उड़ते हैं. ऐसी फ़्लाइट्स में ये रिस्क और ज़्यादा होगा.

वैज्ञानिकों ने ये भी कहा कि इससे विमान को कोई ख़तरा नहीं होगा लेकिन यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा हो जाएगा.