दुनिया में बहुत सी ऐसी चीज़ें होती आई हैं, जिनका इतिहास काफ़ी रोचक रहा है. जैसे हर क्रिकेट मैच से पहले राष्ट्रगान क्यों गाते हैं? गांजा शब्द का इस्तेमाल कब शुरु हुआ? या फिर भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतीक चिन्ह में शेर और ताड़ का पेड़ क्यों है? ये वो चीज़ें हैं, जिन्हें हम हम रोज़ देखते और सुनते हैं, पर फिर भी हम उनके रोचक इतिहास के बारे में नहीं जान नहीं पाते.  

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कुछ ऐसा ही रोचक इतिहास 21, 19, 17 तोपों की सलामी का भी है. अक़सर दुनिया के कई देशों में ख़ास मौक़ों पर तोपों की सलामी देकर लोगों को सम्मान दिया जाता है. हांलाकि, सलामी शब्द हमने कई बार सुना होगा, लेकिन शायद अब तक कई लोग ये नहीं जानते होंगे कि देश में किस-किस को कौन-कौन सी सलामी दी जाती है. कोई बात नहीं अब तक जो लोग इस बात से अंजान हैं, आज वो इसके बारे में विस्तारपूर्वक जान लेगें.

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क्या है तोपों की सलामी का इतिहास?

कहते हैं कि तोपों की सलामी देने का चलन 14वीं शताब्दी में शुरू हुआ था. उस समय जब कोई भी सेना समुद्र के रास्ते किसी देश में जाती थी, तो तट पर 7 तोपें फ़ायर करती थी. इस तरीक़े से सेना संदेश देती थी कि वो उनके देश पर हमला करने नहीं आए हैं. वहीं सेना के रास्ते पर चलते हुए व्यापारियों ने भी जहाज़ों पर इसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.   

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हांलाकि, पहले समुद्री सेना ख़ास मौक़े और शहीदों की शहादत पर तोपों की सलामी देती थी. पर 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश सेना ने शाही ख़ानदान के सम्मान में 21 तोपों की सलामी का चलन शुरू कर दिया. वहीं 18वीं शताब्दी में अमेरिका ने भी इस चलन को अपना लिया. भारत में ये प्रथा ब्रिटिश सेना के साथ आई. तब ब्रिटिश सम्राट को 100 तोपों की सलामी दी जाती थी. अन्य राजाओं को 31 या फिर 21 तोपों की सलामी देने का चलन था. 

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कई देश ऐसे थे जिन्होंने इसे 21 तोपों तक सीमित रखने का फ़ैसला किया और आज भी दुनिया के बहुत से देश इस नियम का पालन करते हैं. गणतंत्र दिवस के मौके़ पर राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है.

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पहले ये सम्मान सिर्फ़ चंद महत्वपूर्ण लोगों तक ही सीमित था, पर धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ा दिया गया. अब राजनीति, साहित्य, क़ानून, विज्ञान और कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को ये राजकीय सम्मान दिया जाता है. इसके अलावा देश के नागरिक सम्मान (भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण) पाने वाले व्यक्ति को भी ये सम्मान दिया जा सकता है. हांलिक, इसके भी कुछ नियम हैं.  

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किसे दी जाती है कितने तोपों की सलामी? 

1. कई मौक़ों पर भारत के राष्ट्रपति, सैन्य और वरिष्ठ नेताओं के अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है.
2. हाई रैंकिंग सेना अधिकारी (नेवल ऑपरेशंस के चीफ़ और आर्मी और एयरफ़ोर्स के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़) को 17 तोपों की सलामी दी जाती है. 
3. जब एक विदेशी प्रमुख देश का दौरा करता है, तो राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाता है और राज्य के मुखिया को भी सलामी दी जाती है.

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ग़ौरतलब है, पीएम मोदी हाल ही में 2 दिन के दौरे पर बांग्लादेश पहुंचे. कोरोना काल में पीएम मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है. ढाका में पीएम को 19 तोपें दागकर गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया. गार्ड ऑफ़ ऑनर के लिए 21, 19, 17 अलग-अलग संख्या में तोपों की सलामी दी जाती है.