योगा करने से शरीर स्वस्थ रहने के साथ-साथ दिमाग़ शांत भी रहता है. इसके अलावा शरीर कई बीमारियों से भी मुक्त रहता है. इसलिए अगर निरोगी जीवन जीना है तो सबसे अच्छा तरीका है योग क्योंकि हम जिस तरह की लाइफ़ स्टाइल जी रहे हैं वो हमारे शरीर में कई बीमारियों के जन्म का कारण है. उन्हीं में से एक है थायरॉयड. थायराइड गर्दन में पाई जाने वाली एक ग्रंथि होती है. जिसकी वजह से शरीर में मेटाबॉलिज़्म नियंत्रित रहता है, जब इसका संतुलन बिगड़ता है तो शरीर का वज़न बढ़ने या कम होने लगता है. जिसे थायरॉयड कहा जाता है.
इस बीमारी से जो भी ग्रस्त हैं, वो दवाइयां तो खाते ही होंगे. मगर रिपोर्ट्स की माने तो दवाइयों की जगह कुछ योगासन करके थायरॉयड से जल्दी छुटकारा पाया जा सकता है.
ये रहे वो योगासन:
1. भुजंगासन (Bhujangasana)
भुजंगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 8वां आसन है. इसे करने से थायरॉयड ग्रंथि पर हल्का सा दबाव पड़ता है. ये आसन थायरॉयड की समस्या को दूर करने में काफ़ी कारगर माना जाता है. इसे सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है.
2. विपरीत करणी आसन (Viparita Karani)
विपरीत करणी आसन करने से गर्दन पर दबाव नहीं आता है. ये आसन शरीर में सकारात्मक ऊर्जा के बढ़ाने के साथ-साथ थायरॉयड ग्रंथि में रक्त के प्रवाह को ठीक करता है. इस आसन को 5 मिनट से कम और 20 मिनट से ज़्यादा नहीं करना चाहिए. ये आसन थायरॉयड के साथ-साथ स्ट्रेस को भी दूर करता है.
3. मत्सयासन (Matsyasana)
मत्सयासन करते समय पद्मासन की मुद्रा में बैठ कर हाथों के सहारे से धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाएं. ये पूरी तरह से मछली का पोज़ होता है इसलिए इसे मत्स्यासन कहते हैं. ये स्ट्रेस दूर करने के साथ-साथ मसल्स को टाइट नहीं होने देता है. थायरॉयड के कारण मूड स्विंग्स को भी कंट्रोल करता है.
4. हलासन (Halasana)
हलासन करने से थायरॉयड ग्रंथि में ऊर्जा का संचार होता है. इस आसन को करते समय कोई समस्या हो तो पैरों के नीचे तकिया लगा सकते हैं. ये आसन पेट की मांसपेशियों और पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है.
5. उष्ट्रासन (Ustrasana)
उष्ट्रासन करते समय शरीर की मुद्रा ऊंट जैसी होती है. इस आसन को करने से गर्दन पर काफ़ी दबाव पड़ता है. ये आसन थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा इसे करने से रीढ़ की हड्डी में होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है.
6. सर्वांगासन (Sarvangasana)
इसे करने से शरीर का पूरा भार कंधों पर आ जाता है और शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है. ये थायरॉयड ग्रंथि में ब्लड सर्कुलेन को ठीक करता है. इसमें रक्त का प्रवाह पैरों से दिमाग़ की ओर चलता है जिससे थायरॉयड की समस्या कम होती है.
7. धनुरासन (Dhanurasana)
इस आसन को पेट के बल लेटकर किया जाता है. इसे करने से शरीर धनुष के समान लगाता है, इसलिए इसका नाम धनुरासन पड़ा है. इसे करने से थायरॉयड ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं, जिससे हार्मोंस बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं. ये थायरॉयड रोगियों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है.
8. सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)
सेतु बंधासन या Bridge Pose थायरॉयड के लिए एक उपयोगी योग है. इससे पूरा शरीर एक बांध के रूप में नज़र आता है. इससे थायरॉयड ग्लैंड और गले की मसल पर काफ़ी खिंचाव पड़ता है और थायरॉयड की समस्या काफ़ी कंट्रोल में रहती है. इससे दिमाग़ भी शांत रहता है. प्रेगनेंसी के दौरान इस आसन को नहीं करना चाहिए.
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