योगा करना शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है. नियमित रूप से योग करने से से दिल और दिमाग़ मज़बूत होते हैं और शरीर भी फीट रहता है, लेकिन जो लोग सुबह जल्दी नहीं उठते हैं वो योग नहीं कर पाते हैं. वो योग से होने वाले लाभ से वंचित रह जाते हैं. इसलिए अगर आप मॉर्निंग पर्सन यानि सुबह जल्दी उठने वालों में नहीं हैं, तो आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. आज हम कुछ ऐसे योगासन बताएंगे, जिन्हें सुबह करना ज़रूरी नहीं है. आप चाहें तो इन्हें अपने बेड पर भी कर सकते हैं.
1. मार्जरी आसन, (Cat Pose)
मार्जरी आसन को अंग्रेज़ी में कैट पोज़ (Cat pose) भी कहते हैं. इस आसन को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता है. मार्जरी आसन आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला एक योग आसन है.
2. उत्कट कोणासन, (Goddess Pose)
उत्कट कोणासन को देवी पोज़ (Goddess Pose) कहा जाता है. इसे करने से मांसपेशियों और दिमाग़ को मज़बूती मिलती है. इस मुद्रा के दौरान आप अपनी बाहों को कंधे की लंबाई पर उठाते हैं और आपका निचला शरीर वाइड-लेग स्क्वाट पोजीशन में जाता है. इसको करने से गठिया के दर्द से भी राहत मिलती है.
3. गोमुखासन (Cow Face Pose)
Cow Face Pose यानि गोमुखासन को हठ योग की श्रेणी में रखा जाता है. इस आसन को करते समय जांघें और दोनों हाथ एक छोर से पतले और दूसरे छोर से चौड़े दिखाई देते है, जो गाय के चेहरे की तरह दिखाई देते हैं. इसे करने से हृदय स्वस्थ रहता है, शरीर का लचीलापन बरकरार रहता है और डायबिटीज़ भी कंट्रोल रहती है.
4. Seated Side Bend
Seated Side Bend योग करते समय शरीर दाएं तरफ़ झुका होता है. इसे करने से गर्दन, कंधे और पीठ में खिंचाव होता है, जिससे मन को शांत करने में मदद मिलती है और तनाव-चिंता से छुटकारा मिलता है.
5. Child’s Pose
बालासन या चाइल्ड पोज़ (Child Pose), योग विज्ञान का विशेष आसन है. इसे करने से शरीर एनर्जेटिक रहता है जिससे शरीर को आराम और ताज़गी मिलती है. इससे रीढ़ की हड्डी के दर्द में भी राहत मिलती है.
6. प्राणायाम
प्राणायाम करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है. इसके अलावा तनाव दूर होता है और मन शांत रहता है. प्राणायाम 5 तरह के होते हैं, कपालभाति प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम , भ्रामरी प्राणायाम और वशिष्ठ प्राणायाम.
7. सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine Spinal Twist)
सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine Spinal Twist Pose) बहुत ही सरल आसन है. इसे कोई भी कर सकता है और ये बहुत उपयोगी आसन है. इस आसन को लेट कर किया जाता है. इसे करने से रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने के साथ-साथ पाचन तंत्र भी बेहतर होता है.
8. पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Fold)
पश्चिमोत्तानासन के दौरान रीढ़ की हड्डी में खिंचाव होता है, जिससे रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक आसन है. इससे पथरी, अनिद्रा, कब्ज़ और त्वचा से संबंधी रोगों को ख़त्म किया जा सकता है. ये आसन महिलाओं को पीरियड् के दौरान करना चाहिए. इससे इस दौरान होने वाली समस्याओं से निजात मिलती है.
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